गोस्वामी तुलसीदास की श्रीरामचरित मानस जितनी पढ़े लिखे व्यक्तियों के लिए अमूल्य है, उतनी ही महत्वपूर्ण अनपढ़ के लिए भी है. मानस अवधी भाषा में है जो सभी के लिए अनुकूल है.
- गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
- रामचरितमानस के अनछुए पहलुओं से विद्वानों ने कराया होगा
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : गोस्वामी तुलसीदास की श्रीरामचरित मानस जितनी पढ़े लिखे व्यक्तियों के लिए अमूल्य है, उतनी ही महत्वपूर्ण अनपढ़ के लिए भी है. मानस अवधी भाषा में है जो सभी के लिए अनुकूल है. यह कहना है मानस मर्मज्ञ डॉ महेंद्र प्रसाद का. उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी ने बड़े ही बारीकी से मानस की रचना करके आम जनता के बीच प्रस्थापित करके खुद पूज्य हो गए.
दरअसल, नगर के नेहा नर्सिंग होम में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा व संचालन साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश केसरी ने किया. शुभारंभ गोस्वामी तुलसीदास के तैलचित्र के समक्ष डॉ. महेन्द्र प्रसाद, अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा, शशि भूषण मिश्र व अतुल मोहन ने दीप प्रज्ज्वलित व पुष्पांजलि अर्पित कर किया. मौके पर मुख्य वक्ता मानस मर्मज्ञ डॉ. महेन्द्र प्रसाद ने अनेक मानस सम्बन्धी नई-नई बातों बताईं.
रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने मानस के अनछुए पहलूओं विस्तार चर्चा करते हुए, उन्होंने ने कहा कि इस भयावह कलिकाल में बस मानस ही एक सहारा है. मौके पर शशि भूषण मिश्र, मीना सिंह, डा शशांक शेखर, ई. रामाधार सिंह, विहान जी, महेश्वर आदि मौजूद रहे।
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