बताया कि इस कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ 07 अक्टूबर जिउतिया पर्व के दिन होगा, और 27 अक्टूबर तक चलेगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष विजयादशमी महोत्सव में विशेष रूप से वामन भगवान के अवतार के प्रसंग को जोड़ा गया है.
- 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के आयोजन को लेकर हुई बैठक
- शामिल हुए रामलीला समिति से जुड़े सभी लोग
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव की तैयारी को लेकर श्री रामलीला समिति द्वारा मंगलवार को रामलीला मंच पर एक बैठक की गई. जिसकी अध्यक्षता समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पाण्डेय एवं संचालन सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा ने की. बैठक में आयोजन संबंधित तैयारी को लेकर चर्चा की गई और इसकी विस्तृत रूप रेखा तैयार की गई.
इस मौके पर समिति के सचिव बैकुंठनाथ शर्मा ने बताया कि प्रत्येक साल की भांति इस वर्ष भी विजयादशमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा. इस वर्ष वृंदावन की प्रख्यात संस्थान श्री नन्द नंदन रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी श्री करतार ब्रजवासी के सफल निर्देशन में 21 दिनों तक दिन में कृष्णलीला और रात्रि में रामलीला प्रसंग का मंचन किया जायेगा.
उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ 07 अक्टूबर जिउतिया पर्व के दिन होगा, और 27 अक्टूबर तक चलेगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष विजयादशमी महोत्सव में विशेष रूप से वामन भगवान के अवतार के प्रसंग को जोड़ा गया है. जिसमें बक्सर वासी इस महत्वपूर्ण प्रसंग का दर्शन करेंगे.
उन्होंने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 07 अक्टूबर को संध्या पहर रामलीला मंच पर विजयादशमी महोत्सव का गणेश पूजन एवं शिव पार्वती विवाह के साथ भव्य शुभारंभ होगा. इस क्रम में 08 अक्टूबर को दिन में श्रीकृष्ण जन्म लीला और रात्रि में नारद मोह लीला, 09 अक्टूबर को दिन में नंद महोत्सव, पूतना वध लीला और रात्रि में मनुसतरुपा तपस्या, रावण अत्याचार लीला, 10 अक्टूबर को दिन में माखन चोरी व ऊखल बंधन लीला और रात्रि में श्रीराम जन्म, नामकरण लीला, 11 अक्टूबर को दिन में कालीदह, गोवर्धन लीला और रात्रि में ताड़का, मारीच सुबाहु वध लीला, 12 अक्टूबर को दिन में मीरा चरित्र लीला और रात्रि में अहिल्या उद्धार व पुष्प वाटिका प्रसंग लीला, 13 अक्टूबर को दिन में भर्तहरि चरित्र लीला और रात्रि में सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ लीला, 14 अक्टूबर को दिन में भक्त नरसी मेहता लीला और रात्रि में लक्ष्मण परशुराम संवाद एंव धनुष यज्ञ लीला, 15 अक्टूबर को दिन में सुदामा चरित्र लीला और रात्रि में कैकेयी मंथरा संवाद लीला, 16 अक्टूबर को दिन में गोवर्धन डाकू लीला और रात्रि में राम वनवास, केवट प्रसंग लीला, 17 अक्टूबर को दिन में गोपाल भक्त लीला और रात्रि में दशरथ मरण व चित्रकूट में भरत मिलाप लीला, 18 अक्टूबर को दिन में वीर अभिमन्यु नाटक, और रात्रि में सुर्पनखा नासिका भंग लीला, 19 अक्टूबर को दिन में वामन भगवान अवतार लीला और रात्रि में खर दूषण वध शबरी प्रसंग लीला, 20 अक्टूबर को दिन में श्याम सगाई लीला और रात्रि में सुग्रीव मित्रता व वाली वध लीला, 21 अक्टूबर को दिन में हनुमत जन्म लीला और रात्रि में लंका दहन लीला, 22 अक्टूबर को दिन में अक्रुर आगमन लीला और रात्रि में सेतु बंध रामेश्वर व अंगद रावण संवाद लीला, 23 अक्टूबर को दिन में कंस वध लीला और रात्रि में लक्ष्मण शक्ति कुंभकर्ण वध लीला, 24 अक्टूबर को 2 बजे दिन में कलात्मक आतिशबाजी के साथ रावण, मेघनाथ, अहिरावण वध लीला (पुतला दहन), 25 अक्टूबर को दिन में चन्द्रावली लीला और रात्रि में राजा हरिश्चन्द्र नाटक, 26 अक्टूबर को दिन में मुदरी चोरी लीला और रात्रि 10 बजे से नगर के यमुना चौक पर भरत मिलाप लीला, और अंतिम दिन 27 अक्टूबर को दिन में दशावतार लीला और रात्रि में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक लीला दिखाया जायेगा.
इस दौरान बैठक में सुरेश संगम, उदय सर्राफ उर्फ जोखन, कृष्ण कुमार वर्मा,दिनेश कुमार जायसवाल, मदन कुमार दुबे, अजय कुमार वर्मा, चिरंजीलाल चौधरी, राजकुमार मोदनवाल, रामायण चौबे, अयोध्या ओझा, उमाकांत पांडेय, तेज प्रताप सिंह छोटे, कमलेश महाजन, प्रहलाद जायसवाल, बिट्टू मिश्रा, रामनारायण गोंड़, प्रहलाद गुप्ता, उदयनारायण पाठक, नारायण राय, ब्रजमोहन सेठ, रोटेरियन सौरभ तिवारी, महेश भोतिका, बबलू पांडेय, बसंत कुमार चौबे, डा0 केडी भट्टाचार्य, ओम जी यादव, उदय नारायण पांडेय, संतोष उपाध्याय (वार्ड पार्षद), शशिभूषण तिवारी, आशुतोष चतुर्वेदी, रामसनेही उपाध्याय, प्रफुल्ल चंद्र सिंह, मनोज तिवारी, निर्मल गुप्ता, महेन्द्र चौबे (अधिवक्ता), बसंत कुमार, मिथुन शिंदे, अवध बिहारी मिश्र, नितिन मुकेश, प्रदीप जायसवाल, गोविन्द माली, निरंजन पांडेय, अजय पांडेय, चितरंजन तिवारी, दयाशंकर मिश्रा, विवेकानंद तिवारी, सुनील जी, राजेश चौरसिया, प्रकाश पांडेय, विनय उपाध्याय, उपेन्द्रनाथ पांडेय, पंकज उपाध्याय, राजेश चौबे, बासुकीनाथ सिंह, हर्ष भूषण, छोटे शर्मा, भरत प्रधान, सुबास सुबासचंद्र प्रसाद, शिवशंकर गोंड, जितेन्द्र शर्मा, निर्मल कुमार पांडेय, आशुतोष पाठक, अच्युतानंद चतुर्वेदी,शिवदयाल पांडेय, सौरभ चौबे, मनोज तिवारी, राघव पाण्डेय, आशुतोष कुमार चतुर्वेदी, रिषु गुप्ता, श्रीमन्नारायण तिवारी, विवेकानंद तिवारी, दयाशंकर मिश्रा, पंकज उपाध्याय,आशुतोष पाठक, शेषनाथ तिवारी, गुप्तेश्वर सर्राफ इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे.
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