सामूहिक इच्छा शक्ति से बदल सकती है समाज की तस्वीर, जनांदोलन बना स्वच्छ भारत मिशन : जिला न्यायाधीश

सामूहिक इच्छा शक्ति से किसी क्षेत्र में किस तरह बदलाव लाया जा सकता है. इसका उदाहरण स्वच्छ भारत अभियान है. भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लक्ष्य को पाने और स्थाई एवं सतत विकास की गति को लिए स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन कर उभरा है. 

 





- न्यायालय कर्मियों अधिवक्ताओं एवं न्यायाधीशों को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : उच्च न्यायालय एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में आयोजित एक समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला प्राधिकार आनंद नंदन सिंह द्वारा व्यवहार न्यायालय, बक्सर के सभी न्यायाधीश, न्यायालय कर्मचारी, पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयंसेवक एवं कार्यालय कर्मियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई. मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला ने कहा कि अनेक विविधताओं के बाद भी एकजुट रहना हमारे देश की एक विशिष्ट पहचान है. एकता और जन भागीदारी की ताकत आज हमारे देश के विकास को गति दे रही है. सामूहिक इच्छा शक्ति से किसी क्षेत्र में किस तरह बदलाव लाया जा सकता है. इसका उदाहरण स्वच्छ भारत अभियान है. भारत को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लक्ष्य को पाने और स्थाई एवं सतत विकास की गति को लिए स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन कर उभरा है. यह अभियान अब स्वच्छता के लिए मात्र तात्कालिक उपाय को अपने तक ही सीमित रखना नहीं है. यह अब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान तलाशते हुए देश के सामने एक दीर्घकालीन दृष्टिकोण को रखना है. 

उच्च न्यायालय, पटना के इस अभियान में शामिल हो जाने से न्यायालय के स्वच्छता के प्रति दूरदर्शी सोच को प्रदर्शित करने वाले इस अभियान के उद्देश्य को गति देने और उसके कार्यान्वन को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी प्रयासरत हैं. अपने देश को स्वच्छ बनाने के लिए कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि 4.3 लाख से अधिक गांव ने स्वयं को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है, जिससे स्वच्छता अभियान को काफी बल मिला है. स्वच्छ भारत मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वच्छता ही सेवा -2023 अभियान है. यह जन भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ उसे जन आंदोलन बनाने में हम भूमिका निभा रहा है.

मौके पर मुख्य न्यायिक  दंडाधिकारी -सह- प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार देवराज के द्वारा भवन में उपस्थित सभी न्यायाधीश एवं कार्यालय कर्मचारी व उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलवाई. उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही सेवा- 2023 कार्यक्रम कोई साधारण अभियान नहीं है, यह देश के सभी नागरिक से शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से श्रमदान करने का आवाहन है. इसका उद्देश्य साझा जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना और स्वच्छता को लेकर सामूहिक दायित्व के संदेश को जन-जन तक पहुंचना है. इस वर्ष यह अभियान ''कचरा मुक्त भारत'' के संकल्प से जुड़ा है. हमारा उद्देश्य इस पर जोर देना है, कि स्वच्छता हमारा सामूहिक दायित्व है और यह हम सबके दैनिक जीवन का अहम भाग होना चाहिए.

स्वच्छता ही सेवा - 2023 अभियान से जुड़े समाज के गुमनाम नायकों, सफाई मित्रों और स्वच्छताग्रही, आदि के कल्याण पर भी अब न्यायालय द्वारा ध्यान दिया जा रहा है. समाज में इन लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति के साथ और उनके उत्थान के लिए भी न्यायालय को कार्य करना है. इस अभियान में एक सराहनीय पहलू है, यह भी है कि ये वहीं लोग हैं जो हमारे समाज और देश को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए लगन से कार्य कर रहे हैं. 

मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार, विजेंद्र कुमार, विवेक राय, कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, सुमित कुमार, सुनील कुमार,  कौशलेंद्र कुमार ओझा, राजीव कुमार, संतोष कुमार द्विवेदी, संजय कुमार, अनिल कुमार, संतोष कुमार आदि वही पैनल अधिवक्ता कुमार मानवेंद्र, संजय कुमार चौबे, राजेश कुमार एवं विधिक सेवक अविनाश कुमार श्रीवास्तव, हरे राम, अंजुम कुमार रावत, प्रेम प्रकाश पाठक आदि मौजूद रहे.






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