वीडियो : सुधाकर सिंह का नितीश कुमार पर सीधा हमला - "बिहार में हम तो 18 साल से ढो रहे बिना पसंद का दूल्हा.."

उन्होंने किसान आंदोलन की बात याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों ने 300 दिनों तक आंदोलन करते हुए केंद्र सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था ठीक उसी तरह चौसा थर्मल पावर प्लांट के प्रभावित किसानों को भी अपना आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से गांधी जी के बताए रास्ते पर चलकर करना होगा. 







- चौसा थर्मल पावर प्लांट के किसानों से मिलने पहुंचे थे सुधाकर सिंह
- चौसा में किसानों के आंदोलन पर अपनी ही सरकार को बताया दोषी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार में हमारी सरकार नहीं है. सरकार नितीश कुमार की है और हम पिछले 18 साल से केवल डोली होने वाले लोग हैं. मैंने भी 45 दिन तक डोली ढोई लेकिन मुझे दूल्हा पसंद नहीं था इसलिए मैंने छोड़ दिया. यह कहना है राजद नेता और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का. वह चौसा के निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के प्रभावित किसानों के आंदोलन की सूचना पर पहुंचे हुए थे. 

उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि निश्चय ही बिहार सरकार के कारण ही किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. सरकार के निर्देश पर किसानों के ऊपर कभी-कभी बल प्रयोग किया जा रहा है जो की उचित नहीं है. लोकतांत्रिक होने का दम भरने वाली सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. प्रशासन भी सरकार का ही एक छोटा सा हिस्सा है ऐसे में वह भी वही करेगा जो बिहार सरकार निर्देशित करेगी. इसी बात पर जब उनसे यह पूछा गया कि सरकार में आप भी हैं और सरकार आपकी है तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार हमारी नहीं नितीश कुमार की है. हम केवल सहयोगी हैं.

300 दिन धरने पर बैठने के बाद झुकी थी केंद्र सरकार :

पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि 2013 के दर से ही मुआवजा देना गलत है. किसानों को अब सवा दो गुणा ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने किसान आंदोलन की बात याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों ने 300 दिनों तक आंदोलन करते हुए केंद्र सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था ठीक उसी तरह चौसा थर्मल पावर प्लांट के प्रभावित किसानों को भी अपना आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से गांधी जी के बताए रास्ते पर चलकर करना होगा. निश्चय ही उनके इस आंदोलन से उनकी मांग पूरी होगी. 

निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का काम रोक कर धरने पर बैठे हैं किसान :

दरअसल, चौसा में बन रहे थर्मल पावर प्लांट के कार्य को किसानों ने प्रभावित कर दिया है. वह निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि उचित मुआवजे की मांग भले ही एल ए आर कोर्ट में चल रही हो लेकिन उसके अतिरिक्त क्षेत्र के विकास के संदर्भ में जो वादे किए गए थे उन बातों को पूरा करने के लिए कंपनी के अधिकारियों को आगे आना चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होगा धरना चलता रहेगा.

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