बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन में पत्रकारिता की चुनौतियों पर हुई चर्चा ..

पत्रकारों को मिल रही चुनौतियों एवं वर्तमान परिवेश में उनकी स्थिति पर विचार विमर्श किया गया. प्रेस क्लब के बक्सर जिलाध्यक्ष डॉ शशांक शेखर ने बताया कि पत्रकारों के कल्याण संबंधित 21 सूत्री मांगों पर विचार-विमर्श हुआ तथा सांसद और विधायक के माध्यम से राज्य सरकार को प्रस्ताव पत्र सौंपा गया.






- राज्य सरकार को भेजा गया 21 सूत्री प्रस्ताव पत्र
- बक्सर जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कई पत्रकार हुए शामिल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन का राज्य स्तरीय सम्मेलन औरंगाबाद में आयोजित किया गया, जिसमें बक्सर जिले से प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर के नेतृत्व में वरिष्ठ पत्रकार जय मंगल पांडेय, कुंदन ओझा के साथ-साथ शंकर पांडेय, राजकुमार ठाकुर एवं राजेश चौबे ने हिस्सा लिया. सम्मेलन का उद्घाटन स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह विधायक आनंद शंकर सिंह पूर्व सांसद शाह पत्रकार संतोष भारतीय एमएलसी सह पत्रकार समीर कुमार, एसएसई के निदेशक हरेंद्र प्रताप सिंह, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के पूर्व सदस्य एसएन सिंह, केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के सलाहकार सह पत्रकार विनय कुमार, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महासचिव कमलकांत सहाय समेत अन्य वरिष्ठ पत्रकारों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को मिल रही चुनौतियों एवं वर्तमान परिवेश में उनकी स्थिति पर विचार विमर्श किया गया. प्रेस क्लब के बक्सर जिलाध्यक्ष डॉ शशांक शेखर ने बताया कि पत्रकारों के कल्याण संबंधित 21 सूत्री मांगों पर विचार-विमर्श हुआ तथा सांसद और विधायक के माध्यम से राज्य सरकार को प्रस्ताव पत्र सौंपा गया.

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन 2023 में प्रस्तुत प्रस्ताव :

1. सेवानिवृत पत्रकारों हेतु पेंशन योजना की राशि 6 हजार रु से बढ़ा कर 20 हजार रुपये की जाए.

2. पेंशन पत्रकार सम्मान योजना के नियमों/ शर्तों को पर्याप्त लचीला किया जाए जिससे राजधानी से लेकर जिला एवं मुफस्सिल स्तर तक के पत्रकारों / संवाददाताओं को भी इस पेंशन योजना का लाभ मिल सके.

3. पत्रकार बीमा योजना में निहित राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की जाए एवं राज्य सरकार का अंशदान 80% से बढ़ा कर 90% किया जाए.

4. बीमा योजना से नहीं जुड़ सके पत्रकारों तथा उनके परिवार को चिकित्सा अनुदान प्रदान किया जाए.

5. पत्रकारों को आवास के लिए 30 लाख रुपए तक की राशि के ऋण की व्यवस्था की जाए जिसके ब्याज की राशि का वहन राज्य सरकार करे.

6. सभी प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों में कम से कम दो-दो पत्रकारों को शामिल किया जाए. 

7. दिशा और अनुमंडल अनुश्रवण समितियों में भी हर स्तर पर दो-दो पत्रकारों को शामिल किया जाए.

8. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्तियों में 20% पदों की भर्ती (जो 5 से कम नहीं हो ) योग्य एवं पात्र पत्रकारों के बीच से सीधे तौर पर की जाए.

9. प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड सूचना अधिकारी की नियुक्ति हो जो प्रखंड स्तरीय पत्रकारों के साथ सूचनाओं का आदान- प्रदान कर सकें और सरकारी योजनाओं से अवगत करा सकें.

10. प्रत्येक अनुमंडल में अपर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की पदस्थापना की जाए. पद सृजित है लेकिन किसी अनुमंडल में अधिकारी की पोस्टिंग नहीं है.

11. राज्य के सभी निकायों/ आयोग/ बोर्ड में जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्ति पदस्थापना हो जिसमें पत्रकारों का भीकोटा निर्धारित हो. 

12. राज्य सरकार विकास संबंधी एवं सकारात्मक रिपोर्टिंग करने वाले दो- दो पत्रकारों को प्रतिवर्ष राजधानी स्तर से लेकर जिला स्तर तक सम्मानित करने की व्यवस्था करें.

13. राज्य सरकार के स्तर पर राजधानी प्रेस क्लब एवं जिलों के प्रेस क्लब की पंजीकृत समितियां को प्रेस क्लब भवन एवं उसके प्रबंधन कार्य को हस्तगत कराया जाए.

14. राज्य स्तर पर मीडिया आयोग का गठन किया जाए.

15. पत्रकार कल्याण ट्रस्ट को सक्रिय किया जाए ताकि इसका लाभ पत्रकार मित्रों को मिल सके.

16. सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति के क्रम में जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर कार्यरत महिला पत्रकारों को प्रोत्साहित करने की योजना सरकार के स्तर से बनाई जाए.

17. पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े सवालों को लेकर जिला स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष सेल का गठन हो जिसमें पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व हो.

18. पत्रकारों पर चल रहे फर्जी मुकदमों को सम्यक जांचोपरांत वापस लिया जाए. इसके लिए एक विशेष जांच कमेटी भी गठित की जाए जिसमें पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हो.

19. युवा एवं नए पत्रकारों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देने हेतु सरकार के स्तर से पत्रकार संगठनों/ यूनियन के माध्यम से विशेष स्थायी व्यवस्था की जाए.

20. प्रत्येक विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू हो तथा हर जिले में कम से कम एक सरकारी महाविद्यालय में पत्रकारिता के कोर्स का संचालन सुनिश्चित किया जाए.

21. जिलों में डीएम के मासिक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन हर माह में हर हाल में सुनिश्चित किया जाय और प्रत्येक सप्ताह में एक विभाग के साथ बैठक सुनिश्चित की जाए.




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