सातों दिन के भोजन की गणना कर 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर उन्हें भोग लगाया गया. तब से मानवता एवं पशु-पक्षियों की रक्षा करने वाले भगवान को अन्नकूट के दिन 56 प्रकार का भोग लगाने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन गौ-पूजन भी किया जाता है.
- जिला मुख्यालय के विश्राम सरोवर के समीप स्थित बसांव मठ में हुआ आयोजन
- राजपुर विधायक अनुमंडल पदाधिकारी तथा रेडक्रॉस के सचिव समेत शामिल हुए आम व खास
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला मुख्यालय के विश्राम सरोवर के पास स्थित बसांव में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन हुआ. जिसमें ठाकुर जी को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके पूर्व विधि-विधान से ठाकुर जी की पूजा हुई पश्चात गौ-पूजन किया गया. कार्यक्रम का संचालन महंत अच्चुतप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने किया. जबकि विधि-व्यवस्था की देखरेख डॉ राम नाथ ओझा, भोला जी तथा मठ के तमाम साधु-संतों ने किया.
इस दौरान राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, सदर अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्र, रेडक्रॉस सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, व्यवसायी गौरव कुमार, पत्रकार जितेंद्र मिश्र, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोग पहुंचे और भक्ति भाव से भगवान का प्रसाद ग्रहण किया.
अन्नकूट के बारे में जानकारी देते हुए महंत अच्चुतप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि देवताओं के राजा इंद्र को अपनी शक्ति पर घमंड था. वह भगवान श्री कृष्ण के रूप में भगवान विष्णु के अवतार को पहचान नहीं पाए थे. ऐसे में जब उन्होंने गोकुल को डुबाने के लिए वर्षा शुरु कराई तो भगवान ने गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक अपनी कानी उंगली पर उठाकर रखा. गोवर्धन पर्वत के नीचे ग्रामवासियों के साथ-साथ सभी पशु पक्षी भी सुरक्षित हो गए. इसके बाद देवराज इंद्र का घमंड टूट गया.
इस वजह से लगता है 56 भोग :
महंत ने बताया कि भगवान श्री कृष्णा दिन में आठ बार भोजन ग्रहण करते थे. ऐसे में सात दिनों तक वह बिना कुछ खाए-पिए जब गोवर्धन पर्वत को उठाए हुए खड़े रहे तो आठवें दिन उनके सातों दिन के भोजन की गणना कर 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर उन्हें भोग लगाया गया. तब से मानवता एवं पशु-पक्षियों की रक्षा करने वाले भगवान को अन्नकूट के दिन 56 प्रकार का भोग लगाने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन गौ-पूजन भी किया जाता है.
संस्कृति और परंपरा को कायम रखने की जरूरत :
रेडक्रॉस सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी ने कहा कि संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने के लिए जिस प्रकार से आज गौ पूजन कर अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. इससे आने वाली पीढ़ियों को हमारे संस्कृति और संस्कार का ज्ञान होगा. ऐसे में इस तरह आयोजन में समाज के सभी वर्गों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए.
वीडियो :
0 Comments