नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ को ले गायत्री परिवार ने किया भूमिपूजन और ध्वजारोहण ..

कहा कि महायज्ञ के संकल्प से क्षेत्र के हर घर में समृद्धि व शांति की भावना उत्पन्न होगी. सदाचार एवं श्रेष्ठ आचरण द्वारा, व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और युग निर्माण का सपना ऐसे महायज्ञ का आयोजन कर साकार किया जा सकता है. यज्ञ और हवन से वातावरण के साथ लोगों के अंदर बैठा मैल दूर होता है. 







- आगामी महायज्ञ को लेकर किया गया ध्वजारोहण व भूमिपूजन 
- पुराना भोजपुर में गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा 25 नवंबर से शुरु होगा महायज्ञ

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के संरक्षण में गायत्री परिवार ट्रस्ट बक्सर द्वारा आगामी महायज्ञ को लेकर भूमिपूजन और ध्वजारोहण किया गया. कार्यक्रम पुरोहित रामानंद तिवारी एवं तेज नारायण ओझा के सानिध्य में संपन्न हुई. 

पुराना भोजपुर में गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान 9 कुंडीय महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन किया गया है. महायज्ञ 25 नवंबर से शुरू होगा जिसका समापन 27 नवंबर को होगा. 

समारोह में कलश यात्रा के पहले दिन से लेकर तीसरे दिन तक यज्ञ स्थल पर बने 9 कुंडो में 32 श्रद्धालु जोड़े आकर प्रतिदिन भाग लेंगे, वहीं महायज्ञ के दूसरे दिन दीप महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा.

गायत्री परिवार के पुरोहित रामानंद तिवारी ने कहा कि महायज्ञ के संकल्प से क्षेत्र के हर घर में समृद्धि व शांति की भावना उत्पन्न होगी. सदाचार एवं श्रेष्ठ आचरण द्वारा, व्यक्ति, परिवार, समाज, देश और युग निर्माण का सपना ऐसे महायज्ञ का आयोजन कर साकार किया जा सकता है. यज्ञ और हवन से वातावरण के साथ लोगों के अंदर बैठा मैल दूर होता है. 

यज्ञ आयोजन के दौरान जहां एक ओर शिक्षाविद, ज्ञानी संत-महंत प्रवचनकर्ताओं की मृदुल वाणी से लोगों का तन और मन साफ होता है, वहीं दूसरी ओर यज्ञ में हवन करने से वातावरण की शुद्धि होती है. इस दौरान शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे संत महात्माओं के भक्ति भजन से सुबह और शाम यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी और पूरा इलाका भक्तिमय रहेगा. 

इस अवसर पर रोहित सिंह, सुधा भारद्वाज, अनु भारद्वाज, खुशी भारद्वाज, सबी भारद्वाज, विमलेश कुमार सिंह, उमेश गुप्ता रौनियार, दिनेश केसरी, आशीष गौतम, कृष भारद्वाज, कुंदन कुमार, आशीष कुमार, उमा देवी, गणेश भारद्वाज, ओमप्रकाश शर्मा सहित अन्य कई उपस्थित रहें.






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