वार्षिक सम्मेलन में विद्वानों ने कहा - बक्सर के ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद है भारतीय इतिहास के असंख्य स्रोत ..

कहा कि "बिना ग्रामीण इतिहास के समकालीन भारत के पूरे इतिहास  को समझना कठिन है. यह इतिहास लेखन की प्रक्रिया को लोक मन से जोड़ता है जो इतिहास को अभिलेखागारों से बाहर निकालता है." 






- सर्जनात्मक इतिहास का वार्षिक सम्मेलन हुआ आयोजित 
- मेरा गांव मेरा इतिहास विषय पर आयोजित हुआ व्याख्यान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : 11 वां सर्जनात्मक इतिहास वार्षिक सम्मेलन 2023 का आयोजन जिले के धनसोई थाना क्षेत्र के उनवास के एपीएस पब्लिक स्कूल में किया गया. "मेरा गाँव मेरा इतिहास" विषय पर आयोजित व्याख्यान का प्रो. देवेंद्र चौबे, प्रो रश्मि चौधरी और डॉ. शशांक शेखर ने माता सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया.


स्वागत प्रभाष कुमार चौबे वैरागी जी द्वारा किया गया. इसी क्रम में  प्रोफेसर देवेंद्र चौबे के द्वारा इतिहास समाचार का फ्रेम डॉ शशांक शेखर को एवं वैरागी जी को भेंट किया गया. ग्रामीण इतिहास लेखन की प्रक्रिया में "मेरा गांव, मेरा इतिहास" की परिकल्पना की चर्चा करते हुए चर्चित लेखक तथा ग्रामीण इतिहास लेखन से जुड़े देवेंद्र चौबे ने कहा कि "बिना ग्रामीण इतिहास के समकालीन भारत के पूरे इतिहास  को समझना कठिन है. यह इतिहास लेखन की प्रक्रिया को लोक मन से जोड़ता है जो इतिहास को अभिलेखागारों से बाहर निकालता है." 
 
कार्यक्रम में 11वां रामायण चौबे स्मृति लोक व्याख्यान देते हुए प्रसिद्ध लेखक धन्नुलाल प्रेमातुर ने कहा कि "बक्सर क्षेत्र का इतिहास लोक समाज की स्मृतियों का इतिहास है. हर गांव में मौजूद इसके स्रोत एक नए इतिहास की ओर संकेत करता है
" व्याख्यान प्रसंग की चर्चा करते हुए इतिहासकार रश्मि चौधरी ने कहा कि " इतिहास लोक में मौजूद छोटे - छोटे संकेतों से निर्मित होता है. इस गांव में आकर हमें उस लोक के महत्व का अहसास हो रहा है" पत्रकार डॉ शशांक शेखर ने ग्रामीण इतिहास लेखन में गांवों में बिखरे ऐतिहासिक स्रोतों को समेटने की बात की. 

कवि इतिहासकार लक्ष्मीकांत मुकुल ने धनसोई और दिनारा क्षेत्र के इतिहास का उल्लेख करते हुए शाहाबाद के इतिहास लेखन में उसके महत्व को स्थापित किया. वैरागी प्रभाष कुमार चौबे ने क्रिएटिव हिस्ट्री की दृष्टि की तारीफ की कि वह इतिहास की एक नई धारा का निर्माण कर रही है. डॉ. शशिभूषण मिश्रा ने कुमार नयन के गीतों का सस्वर पाठ किया. राजा रमण पांडेय ने पूंजीवादी चेतना को समाप्त करने में जन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कुमार नयन को याद किया. हृदय नारायण वर्मा ने लोकगीतों की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चिंतक अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि "कुमार नयन बक्सर क्षेत्र के जीवंत इतिहास थे. उनकी स्मृतियां ग्रामीण इतिहास को  एक नया फलक देती है." कार्यक्रम के प्रारंभ में क्रिएटिव हिस्ट्री द्वारा प्रकाशित "इतिहास समाचार" के अक्टूबर 2023 अंक और लक्ष्मीकांत मुकुल की पुस्तक "यात्रियों के नजरिए में शाहाबाद" के  लोकार्पण के साथ ही एस पी एस पब्लिक स्कूल के ग्रामीण विद्यार्थी उज्जवल कुमार और लकी कुमारी को एन के चौधरी स्मृति और मोनाको देवी स्मृति वार्षिक छात्रवृति भी प्रदान की गई. कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा अध्येता डॉ छाया चौबे  ने कहा कि ग्रामीण इतिहास, भारतीय इतिहास की एक नई सोच है.






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