बड़ी ख़बर : पराली जलाने वाले 320 किसान चिह्नित, 271 की आइडी की गई ब्लॉक ..

उधर, सात निश्चय 2 वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त लक्ष्य के अनुसार अब तक उपलब्धि शून्य है. इस संबंध में सहायक निदेशक भूमि संरक्षण से स्पष्टीकरण की माँग की गई. साथ ही निर्देश दिया गया कि निर्धारित समय के अंदर लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे.






- कृषि टास्क फोर्स की बैठक के दौरान सामने आया मामला
- कर्तव्य में लापरवाह पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डीबीटी सेल से 320 फॉयर पॉइंट प्राप्त हुआ है. अर्थात 320 किसानों के द्वारा पराली जलाई जा रही थी. इनमें से 271 कृषकों को चिह्नित कर उनकी आइडी ब्लॉक की जा चुकी है. डीएम के निर्देश पर शेष किसानों को चिह्नित कर 24 घंटे के अंदर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई होगी. यह जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक के दौरान दी गई.

दरअसल, जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टॉस्क फोर्स की बैठक समाहरणालय परिसर अवस्थित कार्यालय कक्ष में की गई. समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि जैविक कोरिडोर योजना अंतर्गत चयनित राजस्व ग्राम (केशवपुर एवं महदह) के अंतर्गत कृषि विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं का स्थल निरीक्षण करते हुए उक्त राजस्व ग्राम को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाय. साथ ही पराली प्रबंधन हेतु कृषकों को पराली प्रबंधन यंत्र हेतु प्रोत्साहित किया जाय.

दो अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग : 

उद्यान विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के क्रम में डीएम के द्वारा असंतोष व्यक्त किया गया. सूक्ष्म (ड्रिप एवं स्प्रींकलर) सिंचाई योजना अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य 700 एकड के विरूद्ध मात्र 129 एकड ही उपलब्धि प्राप्त है. जबकि वितीय वर्ष समाप्ति में बहुत ही कम समय बचा हुआ है. इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई. उधर, सात निश्चय 2 वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त लक्ष्य के अनुसार अब तक उपलब्धि शून्य है. इस संबंध में सहायक निदेशक भूमि संरक्षण से स्पष्टीकरण की माँग की गई. साथ ही निर्देश दिया गया कि निर्धारित समय के अंदर लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे.

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उर्वरक :

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिला अंतर्गत उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जिला पदाधिकारी महोदय के द्वारा निदेश दिया गया कि जीरो टॉरलेंस नीति का अनुपालन करते हुए निर्धारित मूल्य पर उर्वरक वितरित किया जाए. प्रतिदिन किसानों के द्वारा उर्वरक उठाव का प्रतिवेदन साथ ही जिला अंतर्गत थोक उर्वरक विक्रेताओं की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.

ई-केवाइसी रखने वाले कृषि समन्वयक को चिह्नित कर होगी कार्रवाई : 

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिला अंतर्गत सबसे अधिक लंबित ई-केवाइसी कृषि समन्वयक पर कार्रवाई की जा चुकी है. साथ ही साथ प्रखण्ड स्तर पर सबसे अधिक लंबित ई-केवाईसी रखने वाले कृषि समन्वयक को चिह्नित किया जा रहा है. जिला पदाधिकारी के द्वारा निदेशित किया गया कि विशेष कैम्प का आयोजन कर लंबित आवेदनों को शत-प्रतिशत पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाए.








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