चौसा नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि पर लगा महिला पार्षदों और कार्यपालक पदाधिकारी से दुर्व्यवहार का आरोप ..

न सिर्फ महिला पार्षदों के साथ बल्कि कार्यपालक पदाधिकारी के साथ भी गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया गया. साथ ही उन्हें देख लेने की धमकी दी गई है. जबकि मुख्य पार्षद के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी पर विकास कार्यों में अभिरुचि नहीं लेने तथा चौसा नगर पंचायत के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए गए.






- बोर्ड की बैठक के दौरान गाली/गलौज और धमकी देने का आरोप
- पार्षदों ने कहा - मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं मुख्य पार्षद

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर पंचायत चौसा विकास के लिए मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद तथा पार्षदों की उपस्थिति में बोर्ड की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम भी मौजूद थी. बैठक के दौरान विकास कार्यों को लेकर  मुख्य पार्षद तथा अन्य पार्षद आमने-सामने आ गए. पार्षदों का आरोप है कि मुख्य पार्षद प्रतिनिधि तथा उनके देवर के द्वारा न सिर्फ महिला पार्षदों के साथ बल्कि कार्यपालक पदाधिकारी के साथ भी गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया गया. साथ ही उन्हें देख लेने की धमकी दी गई है. जबकि मुख्य पार्षद के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी पर विकास कार्यों में अभिरुचि नहीं लेने तथा चौसा नगर पंचायत के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए गए.

दरअसल, चौसा नगर पंचायत में होने वाले विकास कार्यों को लेकर नगर पंचायत के पार्षदों उप मुख्य पार्षद तथा मुख्य पार्षद एवं कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा बोर्ड की बैठक का आयोजन कार्यालय सभागार में सोमवार को किया गया था. बैठक में मुख्य पार्षद के द्वारा ले गए कई संतों को अस्वीकृत कर दिया गया साथी यह भी आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा बिना वार्ड पार्षदों की सहमति से एजेंडा लाया जाता है साथ ही विकास कार्यों में पारदर्शिता भी नहीं बढ़ती जाती है और बिना निविदा के विभागीय स्तर पर कार्य कराया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और सभी पार्षदों की सहमति से ही विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार होगी इसके बाद निविदा प्रकाशित कर कार्य किया जाएगा.

नगर पंचायत की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम का कहना है कि नगर पंचायत के पार्षदों की समस्याओं को सुना गया उसके बाद उनके निराकरण का भी आश्वासन दिया गया. यह तय हुआ कि अब बिना निविदा के प्रकाशन के कोई भी विकास कार्य नहीं किया जाएगा. साथ ही वार्ड पार्षदों की सहमति से प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य कराए जाएंगे. जिसमें मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने का कार्य पहले होगा.

उप मुख्य पार्षद ने बताया कि बैठक के दौरान ही मुख्य पार्षद प्रतिनिधि डॉ मनोज यादव एवं 10-20 की संख्या में दबंग किस्म के व्यक्तियों के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया गया, साथ ही महिला पार्षदों के समक्ष ही अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया. 

उप मुख्य पार्षद ने बताया कि मुख्य पार्षद प्रतिनिधि की यही इच्छा है कि हर काम मनमाने ढंग से हो जबकि सभी पार्षदों का यह कहना है कि निविदा प्रकाशित कर कार्य कराया जाए ताकि कार्य में पारदर्शिता रहे. 

उप मुख्य के पार्षद के साथ ही अन्य वार्ड पार्षदों का भी यह आरोप है कि मुख्य पार्षद प्रतिनिधि डॉ मनोज यादव के द्वारा दबंगई से कार्य कराते हुए नगर पंचायत की जगह केवल अपना विकास करने की योजना बनाई जा रही है. नतीज़ा यह है कि विकास कार्यों में पारदर्शिता नहीं दिखाई दे रही और जनता सभी पार्षदों को संदेह भरी नजरों से देख रही है.






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