देश के प्रथम राष्ट्रपति की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन ..

कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद प्रथम राष्ट्रपति के साथ-साथ एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे उनका भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में प्रमुख नेता के रूप में योगदान था. राजेन्द्र बाबू राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे और इनका संविधान  के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान था. यह एक कुशल अधिवक्ता के साथ-साथ सांसद भी रहे.





- अधिवक्ता संघ, कांग्रेस व कायस्थ समाज ने दी श्रद्धांजलि
- प्रथम राष्ट्रपति के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : देश रत्न भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर अलग अलग संगठनों ने उन्हें नमन किया.  जिला अधिवक्ता संघ के तत्वावधान में संघ के पुस्तकालय भवन में अधिवक्ता दिवस के रूप में अधिवक्ता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. संघ ने न्यायालय के वरीय आठ अधिवक्ताओं को अंग वस्त्र, नूतन वर्ष की डायरी, कलम, श्रीमद्भागवत गीता, प्रशस्ति पत्र व मिष्ठान दे कर सम्मानित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष बबन ओझा ने की व मंच संचालन महासचिव विन्देश्वरी पाण्डेय उर्फ पप्पू पाण्डेय ने किया. मौके पर बार के सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे.

इस संबंध में संघ के महासचिव श्री पाण्डेय ने बताया कि सम्मानित किये गए अधिवक्ताओं में सुरेंद्र तिवारी, मुखमुर आलम,  सुरेंद्र नाथ ठाकुर, विद्यासागर तिवारी, रामकृष्ण चौबे, श्रीभगवान सिंह, श्याम सुंदर सिंह, आदित्य कुमार वर्मा शामिल हैं.

इस कार्यक्रम के अवसर पर रामेश्वर प्रसाद वर्मा, रामनाथ ठाकुर, दयासागर पाण्डेय, कुमार मानवेन्द्र, सत्यप्रकाश पाण्डेय,  राघव कुमार पाण्डेय, राजेश कुमार, रविन्द्र प्रधान, जनार्दन सिंह, मनोरंजन पाठक, राकेश चन्द्र ओझा, विनोद मिश्रा, चंद्रमोहन चौबे, डॉ०जितेन्द्र प्रसाद सिंह, अरुणिमा कुमारी, भरत चौबे सहित अन्य अधिवक्ता गण मौजूद थे.

अधिवक्ता सुमन श्रीवास्तव के नेतृत्व में कायस्थ परिवार के जिला कार्यालय में जयंती धूमधाम से मनाई गई. संयोजक सुमन श्रीवास्तव ने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद प्रथम राष्ट्रपति के साथ-साथ एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे उनका भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में प्रमुख नेता के रूप में योगदान था. राजेन्द्र बाबू राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे और इनका संविधान  के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान था. यह एक कुशल अधिवक्ता के साथ-साथ सांसद भी रहे और हमारे देश में इनकी जयंती अधिवक्ता दिवस के रूप में भी मनाई जाती है इनका जन्म  बिहार के सिवान जिला में जिरादेई ग्राम में हुआ था और 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत की संविधान के अध्यक्ष भी चुने गए तथा उनके द्वारा संविधान भी तैयार किया गया. जब 1950 में भारत गणतंत्र बना तब इनको संविधान सभा का प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया. राजेन्द्र बाबू के द्वारा आत्मकथा की भी रचना की गई. जयंती समारोह में उनके तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में से मुख्य रूप से  बीजेपी के वरिष्ठ नेता चौधरी राम विनोद राय, सुरेंद्र श्रीवास्तव, अखौरी ब्रजेश सिन्हा, मदन मोहन श्रीवास्तव राजेश कुमार सिन्हा अधिवक्ता रजनीश रंजन श्रीवास्तव, अधिवक्ता अनिल कुमार श्रीवास्तव अधिवक्ता रामकृपाल श्रीवास्तव सतीश श्रीवास्तव मनमीत, जय प्रकाश सिन्हा, प्रकाश सिन्हा, सत्यम श्रीवास्तव अजय लाल, अधिवक्ता बसंत चौबे, संगम तिवारी, रामा शंकर, सुघम गुप्ता प्रदीप, दानिश अहमद, रितेश पाण्डेय, राहुल, अंकित, राकेश श्रीवास्तव अभिमन्यु पाठक, राकेश सिंह मनीष सिन्हा, चंदन श्रीवास्तव कौशल सिंह आदि रहे.

बक्सर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति बने साथ ही  साथ दूसरा कार्यकाल भी जीता. 1947 स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के संविधान सभा के अध्यक्ष चुने गए डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की मुख्य रचनाएं "शिक्षा एवं संस्कृति", "मेरी आत्मकथा", "भारतीय शिक्षा गांधी जी की देन" आदि हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद एक राजनीतिक व्यक्तित्व के साथ-साथ विद्वान अधिवक्ता पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. साथ ही कांग्रेस परिवार के प्रमुख नेता भी थे.

श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में डॉ सत्येंद्र ओझा, संजय कुमार, पांडेय, भोला ओझा, त्रिजोगी मिश्रा, रोहित उपाध्याय, रविंद्र राय, अरविंद पांडेय, अजय यादव, विनोद ओझा, महेंद्र चौबे, रविंद्र सिंह, विकास ओझा, युवा कांग्रेस के रमेश राम, निहाल जी, मुनि जी आदि शामिल थे.






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