वह सरकारी काम ना करके वह धार्मिक अनुष्ठानों में ज्यादा बिजी रहते हैं. इतना ही नहीं इन कार्यों के लिए वह सरकारी वाहन का प्रयोग करते हैं. हाल ही में एक यज्ञ करने के नाम पर तकरीबन दो करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए वह कई अधिकारी व कर्मियों से चंदा वसूली कर रहे हैं.
- जदयू जिलाध्यक्ष ने डीडीसी पर लगाया कर्तव्यहीनता का आरोप
- डीडीसी ने कहा - नाजायज कार्य नहीं करने पर लग रहे अनर्गल आरोप
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जदयू के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने बक्सर के उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. उनका यह कहना है कि वह सरकारी काम ना करके वह धार्मिक अनुष्ठानों में ज्यादा बिजी रहते हैं. इतना ही नहीं इन कार्यों के लिए वह सरकारी वाहन का प्रयोग करते हैं. हाल ही में एक यज्ञ करने के नाम पर तकरीबन दो करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए वह कई अधिकारी व कर्मियों से चंदा वसूली कर रहे हैं. जबकि मनरेगा आदि योजनाओं में लूट मचाये हुए हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार को ऐसे अधिकारी को जल्द से जल्द जिले से हटा देना चाहिए. उधर अपने ऊपर लगे आरोपों पर उप विकास आयुक्त ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेना कहीं से भी गलत नहीं है. इसके अतिरिक्त उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने जदयू जिलाध्यक्ष के कहने पर कुछ अधिकारी और कर्मियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग और कई कार्य नहीं किए थे.
दरअसल, जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता बुलाई, जिसमें उन्होंने उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल पर ताबड़तोड़ कई आरोप लगा दिए. पहले तो उन्होंने यह कहा कि उप विकास आयुक्त काम से ज्यादा पूजा-पाठ पर ध्यान देते हैं. इतना ही नहीं इसके लिए वह सरकारी रुतबे और संसाधनों का प्रयोग करते हैं. जदयू जिलाध्यक्ष इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने उप विकास आयुक्त पर मनरेगा में लूट और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा दिए.
डीएम को बताया नादान :
जदयू जिलाध्यक्ष ने जिला पदाधिकारी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाएं. उन्होंने कहा कि उप विकास आयुक्त की शिकायत करने पर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में वह मानते हैं कि जिला पदाधिकारी भी अभी नादान हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि ऐसे जिलाधिकारी को उन्होंने अब तक नहीं देखा था.
उप विकास आयुक्त ने कहा, गलत काम नहीं करने पर लगा रहे आरोप :
उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने कहा कि जदयू जिलाध्यक्ष ने उन पर नियम विरुद्ध जाकर कुछ कार्य करने का दबाव बनाया था, जिसमें कुछ अधिकारियों और कर्मियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला भी शामिल था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जिसके कारण जदयू जिलाध्यक्ष बौखला गए हैं. उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान करना कहीं से भी गलत नहीं है. कभी-कभी विधि व्यवस्था संधारण के लिए भी ऐसे आयोजनों में जाना पड़ता है. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं की अधिकारी अपने कर्तव्य से विमुख है.
बहरहाल, जदयू जिलाध्यक्ष और उप विकास आयुक्त की यह जुबानी जंग कहां तक जाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन फिलहाल दोनों के आमने-सामने आने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
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