"जरुरतमंदों की दीवार" का हुआ शुभारंभ ..

कहा कि 'डाब' की संस्थापिका स्व0 ललीता देवी के पावन स्मृति में 2017 में 'जरुरत मंदो की दीवार' की स्थापना की गई थी. इसके माध्यम से पिछले 7 वर्षों से असहाय लोगों के बीच कपड़े का वितरण अनवरत जारी है. समय समय पर डाब द्वारा गरीबों के बीच कंबल वितरण का कार्य भी होता है.






- नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने फीता काट कर किया उद्घाटन
- जिला आर्टिस्ट एसोसिएशन तथा श्री रामलीला मंच के द्वारा संयुक्त रूप से हो रहा संचालन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ बक्सर 'डाब" एवं श्री रामलीला समिति के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को रामलीला मंच पर मदद की दीवार नामक (कपड़ा बैक) का शुभारंभ किया गया.इस दिवार पर जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़ा हमेशा टंगा रहेगा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता 'डाब' के अध्यक्ष सुरेश संगम व संचालन महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सह उद्घाटन कर्ता के रूप में पधारी नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरुपम द्वारा फीता काटकर किया गया.

उद्घाटन के पश्चात कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि 'डाब' द्वारा जरूरतमंदों के लिए किया गया प्रयास बहुत ही सराहनीय है. इससे ऐसे असहाय लोगों को आसानी से मदद पहुँच जाएगी. 

वहीं 'डाब' के अध्यक्ष व वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश संगम ने कहा कि 'डाब' की संस्थापिका स्व0 ललीता देवी के पावन स्मृति में 2017 में 'जरुरत मंदो की दीवार' की स्थापना की गई थी. इसके माध्यम से पिछले 7 वर्षों से असहाय लोगों के बीच कपड़े का वितरण अनवरत जारी है. समय समय पर डाब द्वारा गरीबों के बीच कंबल वितरण का कार्य भी होता है.

वहीं 'डाब' के महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने कहा कि संस्था को नगरवासियों द्वारा अपार सहयोग और समर्थन मिलने के कारण ही कपड़ा बैंक के माध्यम से जरुरतमंदों को अनवरत सेवा प्रदान करने में सहुलियत हुई है. 

उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से नगरवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि हर घर में उपयोग किये गए वस्त्र मौजूद जरूरत मंदों के लिए यहां छोड़ जाएं और जो यदि किसी के जरूरत का है तो उसे यहां से ले जायें. इस पुनीत कार्य में सहभागी के रुप में सेवा कार्य करने का यह एक अच्छा माध्यम है.

कार्यक्रम में डाब के अध्यक्ष सुरेश संगम, महासचिव हरिशंकर गुप्ता, श्री रामलीला समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा, रेड क्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, प्रख्यात साहित्यकार रामेश्वर प्रसाद वर्मा, डा० ओमप्रकाश केसरी 'पवननंदन', प्रो० अरुण मोहन भारवि, डा० जी कुमारी, संगीता देवी, प्रदीप जायसवाल, लक्ष्मण जायसवाल, अनिशा राय सहित कई लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे.






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