राम कथा : बाल लीला प्रसंग सुनकर भाव-विभोर हुए श्रद्धालु, कल होगी पुष्प वाटिका प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति ..

कहा कि भगवान अपनी बाल लीलाओं से समस्त अयोध्या वासियों और माता-पिता सहित कुटुम्बजनों को आनंदित किया. भगवान थोड़े बड़े हुए तो चारों भाइयों का नामकरण संस्कार किया गया. तत्पश्चात् शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा गया.






- नगर के सतीघाट पर आयोजित है श्री राम कथा
- आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज कह रहे हैं भगवान की कथा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के सतीघाट पर आयोजित रामकथा के चौथे दिन जगदगुरु आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाललीला की संगीतमय प्रस्तुति दी. मंगलवार को पुष्प वाटिका प्रसंग की संगीत में प्रस्तुति होगी. बाल लीला प्रसंग सुन उपस्थित श्रद्धालु भक्तजन भाव-विभोर हो उठे. आचार्य ने कहा कि भगवान अपनी बाल लीलाओं से समस्त अयोध्या वासियों और माता-पिता सहित कुटुम्बजनों को आनंदित किया. भगवान थोड़े बड़े हुए तो चारों भाइयों का नामकरण संस्कार किया गया. तत्पश्चात् शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा गया. किशोरावस्था में ही विश्वामित्र मुनि अयोध्या जाकर राम-लक्ष्मण को महाराज दशरथ से मांग लाए. बक्सर में श्रीराम ने ताड़का, सुबाहु का वध करने के बाद अहिल्या का उद्धार किया.

आचार्य ने कहा कि बक्सर ऋषियों-मुनियों की तपोस्थली, भगवान वामन की अवतार स्थली तथा श्रीराम की लीला भूमि है. अहिल्या उद्धार के बाद भगवान राम-लक्ष्मण विश्वामित्र मुनि के साथ जनकपुर पहुंचे. जहां नगरवासी भगवान का अलौकिक रुप सौंदर्य देख मोहित हो गए. जनकपुर की सड़कों पर नर-नारी, बच्चे और बुजुर्ग स्वागत के लिए खड़े हो गए. सगुण साकार ब्रह्म का प्रत्यक्ष दर्शन अनंत जन्मों की साधना का फल है. जो परमानंद प्रदान करनेवाला है. 

कथा की संगीतमय प्रस्तुति देखकर श्रोतागण झूम उठे. आयोजकों ने बताया कि कथा के पांचवें दिन पुष्पवाटिका प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति होगी, जिसमें आचार्यजी महाराज राम-सीता मिलन, धनुष भंग, परशुराम-लक्ष्मण संवाद और जयमाल प्रसंग सुनायेंगे.








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