आजादी के बाद पहली बार में चुनाव हुआ. बक्सर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय कैंडिडेट के रुप में कमल सिंह उस समय सबसे कम उम्र महज 26 साल में ही सांसद चुन लिए गए.
- श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन
- बक्सर के पहले सांसद थे महाराज बहादुर कमल सिंह
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : स्थानीय लोकसभा के प्रथम सांसद रहे महाराज बहादुर कमल सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर युवाओं के द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उन्हें नमन किया गया. सबसे पहले महाराजा बहादुर कमल सिंह के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. ततपश्चात एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता युवा भाजपा नेता दीपक यादव ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दीपक यादव ने कहा कि महाराजा बहादुर कमल सिंह ने कई ऐसे काम किए जो जनमानस के लिए एक बेहतर पहल साबित हुए और इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए.
उन्होंने बताया कि साल 1952 का दौर था. आजादी के बाद पहली बार में चुनाव हुआ. बक्सर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय कैंडिडेट के रुप में कमल सिंह उस समय सबसे कम उम्र महज 26 साल में ही सांसद चुन लिए गए. इनका निशान था कमल का फूल.
सदन में पहुंचने के बाद कमल सिंह की कार्यशैली ने उन्हें युवा तुर्क नेता के रुप में तो स्थापित किया ही इनकी एक अलग छवि निखरकर सामने आयी और लगातार 1962 तक सांसद बने रहे. उन्होंने रोजगार एवं शिक्षा के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया. उनके द्वारा बक्सर में महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय, आरा में महाराजा कॉलेज, जैन कॉलेज, मेडिकल कॉलेज डुमरांव में कृषि महाविद्यालय, बिक्रमगंज में पशु अस्पताल, डुमरांव में राज अस्पताल, प्रताप सागर में मेथोडिस्ट हॉस्पिटल, बलिया में कुंवर सिंह कॉलेज जैसे विभिन्न क्षेत्र में कार्य करते हुए अपने आप को शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार उपलब्ध कराया.
इस दौरान युवा मोर्चा के नेता संटू मित्रा, अभिषेक रंजन, नीरज सिंह, अभिषेक चौरसिया, उपेंद्र तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे. सभी ने महाराजा बहादुर कमल सिंह के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि दी.
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