राज्य खाद्य निगम के संविदा कर्मियों ने लगाया वेतन की राशि के गबन का आरोप ..

इस बात की शिकायत करने पर कंपनी के अधिकारी नौकरी से निकलने की धमकी देते हैं. पूर्व में भी इस बात की शिकायत पत्राचार के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं खाद्य एवं संरक्षण विभाग के मंत्री से की गई है लेकिन अब तक कोई निदान नहीं निकला.



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-जिला श्रम अधीक्षक के समक्ष उपस्थित हुए संविदा कर्मी और कार्यकारी कंपनी के अधिकारी
-15 दिनों के अंदर स्थिति स्पष्ट करने का दिया गया है निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार राज्य खाद्य निगम में फोर जी आइडेंटिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के तहत बहाल किए गए संविदा कर्मियों ने उन्हें बहाल करने वाली कंपनी पर उनके वेतन भुगतान की राशि के गबन का आरोप लगाया है. आईटी मैनेजर, कंट्रोल रूम ऑपरेटर एवं हेल्प डेस्क ऑपरेटर के साथ अन्य कर्मियों का यह भी कहना है कि उनको पिछले 16 माह से भुगतान नहीं किया जा रहा है. बगैर भुगतान कार्य करने को मजबूर कर्मियों के समक्ष आर्थिक तंगी खड़ी हो चुकी है. इस बात की शिकायत उन्होंने जिला श्रम अधीक्षक से करते हुए न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद उनकी पहल पर शुक्रवार को कंपनी के प्रतिनिधि को बुलाया गया लेकिन स्पष्ट रूप से जवाब नहीं देने पर उन्हें पुनः 15 दिनों के बाद आकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है.

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विकास कुमार, अरविंद कुमार, सुमंत कुमार सिंह तथा अजीत पाठक सहित अन्य कर्मियों ने बताया कि हम लोगों के द्वारा राज्य खाद्य निगम के गोदाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है. इसके अतिरिक्त सीएमआर तथा टीपीडीएस का भी सारा कार्य किया जाता है. राज्य खाद्य निगम के गोदाम से पीडीएस को खाद्यान्न का उठाव होते ही हम लोगों के द्वारा डाटा एंट्री का कार्य तथा कंट्रोल रूम ऑपरेटर के द्वारा स्टेप डिलीवरी वाले वाहनों पर जीपीएस एवं लोड सेल सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग भी की जाती है. लेकिन फोर जी आईडेंटिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा उनको मिलने वाले वेतन में अनावश्यक रूप से भारी कटौती की जाती है. निर्धारित से काफी कम का भुगतान उन्हें किया जाता है. इस बात की शिकायत करने पर कंपनी के अधिकारी नौकरी से निकलने की धमकी देते हैं. पूर्व में भी इस बात की शिकायत पत्राचार के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं खाद्य एवं संरक्षण विभाग के मंत्री से की गई है लेकिन अब तक कोई निदान नहीं निकला. हालांकि श्रम अधीक्षक के पहल से यह उम्मीद जगी है कि उनके साथ न्याय अवश्य होगा.

कहते हैं अधिकारी 
मामले में कंपनी के अधिकारियों को बुलाया गया था कंपनी के अधिकारियों के समक्ष ही गर्मियों से भी वार्ता की गई लेकिन जो आप कर्मियों के द्वारा लगाया जा रहे थे उनका कोई जवाब कंपनी के पदाधिकारी के पास नहीं था ऐसे में उन्हें अगली तिथि पर जवाब के साथ का निर्देश दिया गया है.
संजय कुमार,
श्रम अधीक्षक






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