कहा कि स्पेशल इकोनामिक जोन बनने पर बक्सर के विकास को पंख लगेंगे. एक नई औद्योगिक काल का शुभारंभ होगा. देश-विदेश से बड़ी औद्योगिक इकाइयां बिहार में निवेश के लिए आएंगी. रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करते बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्र |
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- बिहार सरकार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने दी जानकारी
- तस्वीर के साथ ही साझा किया केंद्रीय उद्योग मंत्री के द्वारा जारी पत्र
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के नावानगर में स्पेशल इकोनामिक जोन की स्थापना होने जा रहा है. ऐसा होने से बक्सर में औद्योगिक विकास की गति तेज होगी साथ ही रोजगार सृजन के अवसर भी बढ़ेंगे. जिससे अपना जिला विश्व के मानचित्र पर एक मजबूत आर्थिक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाएगा. बिहार सरकार के उद्योग तथा पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक एक्स पर दी है. जिसमें उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से 20 जून को अपनी मुलाकात की तस्वीर तथा एक पत्र साझा किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री की तरफ से यह कहा गया है कि 26 और 27 जून को बक्सर के नावानगर में प्रस्तावित भूमिका निरीक्षण कराया गया, जिसमें क्षेत्र को स्पेशल इकोनामिक जोन के रूप में विकसित करने के लिए अनुकूल पाया गया.
नावानगर में स्पेशल इकोनामिक जोन बनाए जाने की बात सामने आने पर बक्सर जिला उद्यमी संघ के जिला अध्यक्ष बृज किशोर सिंह ने बिहार सरकार के उद्योग तथा पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्र का आभार व्यक्त किया है तथा कहा है कि निश्चय यह बक्सर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने उद्योग मंत्री को बक्सर आने का न्योता दिया है ताकि उद्यमियों से जुड़ी अन्य छोटी किंतु प्रमुख समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया जा सके.
बक्सर के विकास को लगेंगे पंख :
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री ने कहा कि स्पेशल इकोनामिक जोन बनने पर बक्सर के विकास को पंख लगेंगे. एक नई औद्योगिक काल का शुभारंभ होगा. देश-विदेश से बड़ी औद्योगिक इकाइयां बिहार में निवेश के लिए आएंगी. रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हालांकि अभी कुछ औपचारिकता है शेष है जिसमें बियाडा द्वारा भूमि आदि से संबंधित आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए बोर्ड आफ अप्रूवल के समक्ष स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.
बिहार में मानव संसाधन प्रचुर मात्रा में है. इसके बावजूद राज्य को महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित करने और अपनी पूरी आर्थिक क्षमता को साकार करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. स्पेशल इकोनामिक जोन की स्थापना से बिहार को काफी फायदा हो सकता है. स्पेशल इकोनामिक जोन कृषि जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से परे उद्योगों को बढ़ावा देकर आर्थिक विविधीकरण की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे किसी एक क्षेत्र पर निर्भरता कम होगी.
स्पेशल इकोनामिक जोन बनने के लाभ :
जीएसटी तथा इनकम टैक्स के अधिवक्ता एवं आर्थिक मामलों की जानकार सुरेश संगम बताते हैं कि स्पेशल इकोनामिक जोन बनने से घरेलू बाजार से पूंजीगत वस्तुओं, कच्चे माल और उपयोगी कलपुर्जों आदि की खरीद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क से छूट मिलेगी. निर्यात बिलों की वार्षिक वसूली नहीं होने पर 5% तक राइट-ऑफ़ करने की अनुमति, स्पेशल इकोनामिक जोन इकाइयों को भूखंडों के पट्टे-लाइसेंस पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क के भुगतान से छूट दिए जाने का प्रावधान है.
नियोक्ता को 6 सप्ताह पूर्व सूचना दिये बिना ऐसी कंपनियों में किसी भी हड़ताल की अनुमति नहीं होती है. प्रबंधकीय पारिश्रमिक के लिए 2.40 करोड़ प्रति वर्ष की अनुमति, 500 मिलियन डॉलर तक बाहरी वाणिज्यिक उधार की अनुमति जैसी सुविधाएं होती है जो कि औद्योगिक विकास के लिए बेहद आवश्यक है.
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