समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने घोर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के शासन में अफसरशाही चरम सीमा पर है. जिसके कारण समिति की ताकत खत्म होने की कगार पर है. पटना पहुंचने पर इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी.
- बिहार विधानसभा के अनुसूचित जाति जन जाति की सात सदस्यीय कमिटी पहुंची जिला अतिथिगृह
- बैठक में नही आए जिलाधिकारी तो कमिटी के सदस्यों ने व्यक्त की नाराजगी, कहा बिहार में चरम पर है अफशरशाही
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार विधानसभा के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति की सात सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौरे पर बक्सर में है. इस दौरान जिले के कोई भी वरीय अधिकारी न तो समिति के बैठक में उपस्थित हुआ और न ही समिति के सदस्यों से मिलने आया. जिसको लेकर समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने घोर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के शासन में अफसरशाही चरम सीमा पर है. जिसके कारण समिति की ताकत खत्म होने की कगार पर है. पटना पहुंचने पर इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी.
बक्सर पहुंचे बिहार विधानसभा के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति में शामिल पक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने एक सुर से बिहार में तानाशाह अफसरों के खिलाफ आवाज बुलंद कर कहा कि बिहार में अफसरशाही चरम सीमा पर है. जिसके कारण लोकतंत्र खतरे में आ गया है.
राजद के जहानाबाद के विधायक सह कमिटी के सदस्य सतीश कुमार ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या होगा कि विधानसभा की सात सदस्यीय समिति दो दिनों से बक्सर में है. उसके बाद भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समिति की बैठक तो छोड़िए मिलने भी नहीं पहुंचे. शायद वह इसे से गंभीरता से नहीं लेते. उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई हो इसके लिए मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की जाएगी. नीतीश कुमार के शासन में समिति की ताकत घटी है.
मधुबनी के रामनगर से भाजपा विधायक सह समिति के अध्यक्ष रामप्रीत पासवान ने कहा कि इस बात को कहने में कोई भी गुरेज नही है कि जिला के वरीय अधिकारी समिति के सदस्यों और अध्यक्ष से मिलना नहीं चाहते हैं, जो लोकतांत्रिक परम्परा के लिए ठीक नही है. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी.
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