वीडियो : उत्पाद अधीक्षक ही करा रहे थे शराब तस्करी, जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट, हुए फरार ..

उसने बताया कि वर्तमान में उत्पाद अधीक्षक तथा वर्ष 2016 से ही बक्सर में पहले उप निरीक्षक तथा फिर निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे दिलीप कुमार पाठक बिहार के बक्सर की यूपी से सटी अलग-अलग सीमाओं से शराब की तस्करी करने में सहयोग करते थे, जिसके एवज में उन्हें एक मोटी रकम मिलती थी.











- वर्ष 2016 से ही कर रहे थे शराब तस्करों की मदद
- इसी जिले में उप निरीक्षक, निरीक्षक और फिर उत्पाद अधीक्षक बने थे दिलीप कुमार पाठक

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : उत्पाद अधीक्षक दिलीप कुमार पाठक शराबबंदी अधिनियम की धज्जियां उड़ाने एवं तस्करी करने के आरोप में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं. उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. शराब तस्करी में उनकी संलिप्तता उजागर होने के बाद यह भी पता चला है कि वह शराबबंदी के बाद से लगातार तस्करों की मदद कर रहे थे. लेकिन उनकी पोल उस वक्त खुल गई जब 21 जून 2024 को औद्योगिक थाने की पुलिस ने वीर कुंवर सिंह सेतु से उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार की बक्सर सीमा में प्रवेश कर रहे एक के बाद एक तीन शराब लदी गाड़ियों को जब्त किया. सबसे पहले शराब से भरी एक स्कॉर्पियो पकड़ी गई इसके चालक से पूछताछ के आधार पर शराब लदी एक इंडिका कार और एक होंडा सिटी कार को भी पुलिस ने जब्त किया. अनुसंधान शुरु करने पर इसमें डुमरांव अनुमंडल के अमसारी गांव में वर्ष 2022 में हुए जहरीले शराब कांड के मुख्य आरोपी मुन्ना सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह के साथ उनके एक और शागिर्द की संलिप्तता सामने आई. इसके बाद पुलिस ने 23 जून 2024 को मुन्ना सिंह को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की. पूछताछ में उसने बताया कि वर्तमान में उत्पाद अधीक्षक तथा वर्ष 2016 से ही बक्सर में पहले उप निरीक्षक तथा फिर निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे दिलीप कुमार पाठक बिहार के बक्सर की यूपी से सटी अलग-अलग सीमाओं से शराब की तस्करी करने में सहयोग करते थे, जिसके एवज में उन्हें एक मोटी रकम मिलती थी.

शराब कारोबारी के बयान के आधार पर पुलिस ने अनुसंधान को आगे बढ़ाया और पटना के रहने वाले एक बड़े शराब कारोबारी मनीष उर्फ मरांडी को बक्सर से ही गिरफ्तार कर लिया, उसके पास जो मोबाइल फोन बरामद किया गया, उस मोबाइल नंबर से उत्पाद विभाग के वीर कुंवर सिंह सेतु चेक पोस्ट पर कार्यरत उत्पाद बिहार होमगार्ड के सिपाही शेषनाथ यादव को उन तीन गाड़ियों की तस्वीर एवं नंबर शेयर किए गए थे जिनको 21 जून को उत्पाद विभाग के चेक पोस्ट से बिना जांच किया छोड़ दिया गया था. जांच के क्रम में उत्पाद विभाग में कार्यरत होम गार्ड के ही एक और सिपाही रामाशंकर सिंह को गिरफ्तार किया गया. उसके मोबाइल फोन से उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक एवं कारोबारी के बीच सांठ-गांठ के अलावा मोटी रकम लेनदेन करने का पुख्ता प्रमाण मिला.

एसपी मनीष कुमार ने इस संदर्भ में प्रेस वार्ता कर बताया कि पुराने शराब कारोबारी मुन्ना सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह की स्वीकारोक्ति तथा पुलिस के द्वारा किए गए अनुसंधान में यह बात साफ हो गई है कि उत्पाद अधीक्षक दिलीप कुमार पाठक शराब कारोबरियों के साथ मिलकर तस्करी करने में मदद करते थे. न्यायालय से उनकी गिरफ्तारी का वारंट प्राप्त कर लिया गया है, जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, लेकिन फिलहाल वह फरार हैं.

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