वीडियो : दवाओं के सेवन से हो सकता है लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाव : डीएम

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिला समाहरणालय सभागार में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए)-2024 कार्यक्रम का उद्घाटन सह एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर एमडीए राउंड का उद्घाटन किया. 


 



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- जिला पदाधिकारी ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर की एमडीए-2024 की शुरुआत
- एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला में पत्रकारों को दी गई फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिला समाहरणालय सभागार में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए)-2024 कार्यक्रम का उद्घाटन सह एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कर एमडीए राउंड का उद्घाटन किया. 

इस दौरान जिला पदाधिकारी ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया एक भयावह बीमारी है, जिसके लक्षण कई साल के बाद दिखाई देता है. जिसका कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी का बचाव ही एक उपाय है, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें. यदि इस अभियान में सभी अपनी सकारात्मक पहल से समाज में जागरूकता फैलाए तो निश्चित तौर पर ही बक्सर से फाइलेरिया का उन्मूलन पूरी तरह से संभव है. क्योंकि समाज के लोग जब जागरूक होंगे, तब यह बिलकुल संभव है कि 2027 तक बक्सर जिले को पूरे राज्य में सबसे पहले फाइलेरिया मुक्त किया जा सकेगा.

जिला पदाधिकारी ने दवाओं का सेवन कर कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं अल्बेंडाजोल और डीईसी पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने जिले के सभी लोगों से इन दवाओं का सेवन करने की अपील की.

जिले के 1155 गांवों व वार्डों में चलाया जाएगा एमडीए राउंड :

कार्यशाला का संचालन करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस बार जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए राउंड का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के 19,98,853 की जनसंख्या में 19,66,053 लोगों को उम्र के आधार पर लक्षित किया गया है. जिले के 1155 गांवों व वार्डों में फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराने के लिए 836 टीम का गठन किया गया है, जिसमें 1480 आशा, 119 आंगनबाड़ी सेविकाएं, 97 वोलेंटियर और 83 सुपरवाइजर प्रतिनियुक्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीइसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीइसी की दो गोलियां एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीइसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी.

खाली पेट न करें दवाओं का सेवन :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने एमडीए राउंड 2024 में अभियान के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराया जाएगा. इनके अलावा सभी उम्र के लाभुकों को उम्र और लंबाई के हिसाब से दवाओं का सेवन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. आम लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. कभी-कभी खाली पेट दवा खाने से भी कुछ समस्याएं होती हैं. आम लोगों में फाइलेरिया की दवा सेवन के साइड इफ़ेक्ट के बारे में कुछ भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करने की सख्त जरूरत है. फाइलेरिया की दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के ही कारण होता है. इसलिए दवा सेवन से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है. हालांकि, इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में क्यूआरटी का गठन किया गया है.

कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के वीबीडीसीओ पंकज कुमार, एफएलए रजनीकांत राय, सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह, जीविका के डीपीएम चंदन कुमार शर्मा, पिरामल स्वास्थ्य की सिनियर टीम कोर मेंबर मोनिका, पिरामल के प्रोग्राम डायरेक्टर राम शंकर सिंह, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड अविकल्प मिश्रा, प्रोग्राम लीड अश्विनी चौबे, पीसी राहुल कुमार, पीसीआई इंडिया के डीएमसी रामजन्म सिंह,  सीएफएआर के एडीसी अमित सिंह समेत आशा कार्यकर्ताएं व मीडिया कर्मी शामिल रहे.




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