तिरुपति बालाजी मंदिर मामले में दोषियों को मिले कठोर सजा : बक्सर उत्थान मंच

यह भी चर्चा की गई कि हिंदू समाज से जुड़े कथाकार, मठाधीश, आचार्य और साहित्यकार इस मुद्दे पर खुलकर बोलें और अपने विचार रखें. मुकुंद सनातन ने कहा कि जब हिंदू समाज ही नहीं रहेगा तो फिर कथा, साहित्य और सत्संग किसे सुनाया जाएगा.


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- बैठक में सदस्यों ने घटना पर जताई चिंता
- उच्चतम न्यायालय से मामले में संज्ञान लेकर दोषियों को फांसी देने की मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सामाजिक संस्था उत्थान मंच ने तिरुपति बालाजी मंदिर में घी में चर्बी और मछली के तेल की मिलावट के मामले पर कड़ी नाराजगी जताई है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. मंच की एक बैठक मंच के कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें सदस्यों ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की.

मंच के अध्यक्ष मुकुंद सनातन ने कहा कि हिंदू धर्म और आस्था के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परंपरा अंग्रेजी शासनकाल से चली आ रही है, लेकिन अब समय आ गया है कि हिंदू समाज अपने अधिकारों और आस्थाओं की रक्षा के लिए खड़ा हो. उन्होंने उच्चतम न्यायालय से अपील की कि वह इस मामले का तुरंत संज्ञान ले और दोषियों को फांसी की सजा दे.

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि हिंदू समाज से जुड़े कथाकार, मठाधीश, आचार्य और साहित्यकार इस मुद्दे पर खुलकर बोलें और अपने विचार रखें. मुकुंद सनातन ने कहा कि जब हिंदू समाज ही नहीं रहेगा तो फिर कथा, साहित्य और सत्संग किसे सुनाया जाएगा.

बैठक में कई प्रमुख सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंद्रजीत चौबे, राघव पांडे, पंकज उपाध्याय, वीरेंद्र कश्यप, संजय चौबे, अमित दूबे, प्रियरंजन कुमार, विकास राज, सोनल तिवारी, कमलेश पांडेय, रोहित यादव, और शैलेश कुमार सिंह शामिल थे.

इस दौरान मंच ने अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा के लिए जनजागरण अभियान चलाने का संकल्प लिया.









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