डॉ. दिलशाद आलम ने हृदय रोग से बचने के लिए आवश्यक पांच उपाय बताए. उन्होंने बताया कि धूम्रपान और शराब का सेवन न करना, नियमित व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना, कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराना और अत्यधिक चिंता से बचना बेहद जरूरी है.
- बोले चिकित्सक हार्ट अटैक से मौत के आंकड़ों में इजाफा चिंता का विषय
- दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दिए बेहतर स्वास्थ्य सुझाव
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विश्व हृदय दिवस के अवसर पर शनिवार को साबित खिदमत फाउंडेशन एवं मानवाधिकार संगठन द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध चिकित्सक और मानवाधिकार संगठन के बिहार प्रांत के सचिव, डॉ. दिलशाद आलम ने हृदय रोग से बचने के लिए आवश्यक पांच उपाय बताए. उन्होंने बताया कि धूम्रपान और शराब का सेवन न करना, नियमित व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना, कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराना और अत्यधिक चिंता से बचना बेहद जरूरी है.
कार्यशाला का शुभारंभ डॉ. उज्जवल, डॉ. मनीष कुमार और निदेशक के नेतृत्व में लगभग डेढ़ सौ लोगों के बीच किया गया. यह कार्यक्रम 28 से 29 सितंबर तक चलेगा. इस दौरान शुगर और रक्तचाप के मरीजों को सलाह दी गई कि वे अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम करें. डॉ. उज्जवल ने चिंता जताई कि हृदय रोग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसके रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. वहीं, डॉ. मनीष कुमार आर एम ओ ने विश्व हृदय दिवस पर सभी चिकित्सकों को बधाई दी और मानव सेवा में उनके प्रयासों की सराहना की.
इस कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग शामिल हुए, जिसमें रूनी देवी, माया देवी, अंशुमन कुमार, अभय कुमार, वकील अंसारी, निजामुद्दीन, रूबी, सिमरन खातून और सहेली देवी शामिल थे. कार्यक्रम के अंत में विश्व हृदय दिवस का केक काटकर सभी उपस्थित लोगों को बांटा गया.
डॉ. दिलशाद आलम ने कार्यशाला में सभी कर्मियों और मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने बताया कि 2019 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 90 लाख लोगों की मौत हृदय रोग के कारण हुई, जो एक गंभीर चिंता का विषय है. इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.
यहां बता दें कि साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक व बिहार मानवाधिकार और सामाजिक न्याय संस्था के प्रदेश सचिव डॉ. दिलशाद आलम ने संस्था के बैनर तले कई सामाजिक कार्य किए हैं जिन्हें देखते हुए हाल ही में दुबई में उन्हें 2024 का दादा साहेब फाल्के अवार्ड भी प्राप्त हुआ है. उनके निरंतर प्रयासों से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है और समाज में जागरूकता फैल रही है.
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