लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश को दरकिनार कर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप

मुख्य सचिव को पत्र लिख कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उनका आरोप है कि बीडीओ ने केवल संवेदक पर नीलाम पत्र वाद दायर करने की अनुशंसा की है, जबकि मुखिया और कनीय अभियंता को बचा लिया गया है.












- शिकायतकर्ता ने प्रखंड विकास पदाधिकारी पर लगाया आरोप
- मुख्य सचिव को पत्र लिख की कार्रवाई की मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : वित्तीय वर्ष 2019-20 में काजीपुर के सार्वजनिक बाजार में 14वें वित्त योजना से कराए गए बालू भराई, ईंट सोलिंग और पीसीसी निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताएं सामने आई जिसकी शिकायत करने पर इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) को निर्देश दिया कि न केवल संवेदक के खिलाफ बल्कि तत्कालीन मुखिया और कनीय अभियंता पर भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. हालांकि निर्देश के काफी समय बाद भी इस पर पूरी तरह अमल नहीं हुआ. ऐसे में शिकायतकर्ता असर्फी अंसारी ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उनका आरोप है कि बीडीओ ने केवल संवेदक पर नीलाम पत्र वाद दायर करने की अनुशंसा की है, जबकि मुखिया और कनीय अभियंता को बचा लिया गया है.

शिकायतकर्ता असर्फी अंसारी ने यह मामला जिला लोक शिकायत में दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि काजीपुर बाजार में 14वें वित्त से स्वीकृत 4,82,500 रुपये की योजना के तहत 6 इंच पीसीसी ढलाई होनी थी, लेकिन तत्कालीन मुखिया, पंचायत सचिव और कनीय अभियंता ने आपसी सांठगांठ से सिर्फ 4 इंच ही ढलाई करवाई। इस दौरान 4,82,408 रुपये की पूरी राशि खर्च दिखाकर घोटाला किया गया. असर्फी अंसारी ने मामले की जांच के लिए अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को शिकायत दी, जिसमें जांच के बाद अनियमितताओं की पुष्टि हुई.

हालांकि, जांच के बावजूद अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने भ्रामक जानकारी देकर केवल संवेदक पर नीलाम पत्र वाद दायर कराया, जबकि मुखिया और कनीय अभियंता को पूरी तरह बचा लिया गया. शिकायतकर्ता असर्फी अंसारी ने इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार के निर्णय पर संतोष जताया और कहा कि यह फैसला योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सिर्फ संवेदक पर कार्रवाई करने से न्याय नहीं होगा, बल्कि मुखिया और कनीय अभियंता को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

अंसारी का यह भी कहना है कि यदि पूरी सच्चाई सामने आती है, तो भविष्य में इस प्रकार की धांधली से बचा जा सकेगा. उधर इसी पंचायत के भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर एक अन्य व्यक्ति ने अनुमंडलीय लोग शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां शिकायत की है.







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