तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी के के उपाध्याय के नेतृत्व में कार्रवाई की गई थी. उस समय भी कई मवेशी बरामद किए गए थे और दर्जनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस बार भी सफेदपोशों के संरक्षण में चल रहे इस काले धंधे पर नकेल कसने के लिए पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कड़ी कार्रवाई की है.
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- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत हुई कार्रवाई
- पहले भी सामने आ चुके हैं पशु तस्करी के मामले
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गंगा के रास्ते अवैध गतिविधियों का सिलसिला जारी है. शराब तस्करी के बाद अब पशु तस्करी का खुलासा मंगलवार को हुआ, जब पुलिस और पशु क्रूरता निवारण समिति ने एक बड़ी कार्रवाई की. बक्सर जिले के चौसा रानी घाट पर तस्करों का एक बड़ा गिरोह सक्रिय था, जिसे पुलिस ने अपनी गुप्त सूचना के आधार पर धर दबोचा. इस कार्रवाई में तीन दर्जन से अधिक मवेशियों को बरामद किया गया, जिनमें गाय, बछड़े और सांड शामिल थे. पुलिस ने मौके से नौ तस्करों को गिरफ्तार किया, जबकि नाविक फरार हो गया.
दरअसल, मुफस्सिल थाना पुलिस को यह सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से गंगा नदी के जरिए अवैध रूप से मवेशियों की तस्करी की जा रही है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मंगलवार सुबह करीब तीन बजे चौसा रानी घाट पर घेराबंदी की। पुलिस की टीम ने देखा कि नाव से मवेशियों को उतारा जा रहा था. नौ तस्कर तुरंत पकड़ लिए गए, जिनसे मवेशियों के वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन उनके पास कोई वैध कागजात नहीं थे. पुलिस ने सभी तस्करों को गिरफ्तार कर थाने में हिरासत में रखा. बरामद मवेशियों को फिलहाल अस्थायी रूप से चौसा मेला में रखा गया, और बाद में इन्हें बक्सर की आदर्श गौशाला भेजा जाएगा.
न्यायिक कार्रवाई के लिए अग्रसारित किए गए तस्कर :
गिरफ्तार किए गए तस्करों में रविन्द्र पटेल, लव कुमार, कुश कुमार, मिथिलेश कुमार, अनिल यादव, मनोज यादव, कैलाश यादव, राम प्यारे यादव और रामलाल यादव शामिल हैं. इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है और आगे की कार्रवाई जारी है.
सफेदपोशों की मिलता है संरक्षण :
स्थानीय लोगों का मानना है कि चौसा क्षेत्र में लंबे समय से पशु मेले की आड़ में मवेशियों की तस्करी हो रही थी. यह धंधा स्थानीय तस्करों और कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से चलता था. पूर्व में भी इस क्षेत्र में तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं, जब तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी के के उपाध्याय के नेतृत्व में कार्रवाई की गई थी. उस समय भी कई मवेशी बरामद किए गए थे और दर्जनों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस बार भी सफेदपोशों के संरक्षण में चल रहे इस काले धंधे पर नकेल कसने के लिए पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कड़ी कार्रवाई की है.
बेहद क्रूरता के साथ ले जा रहे थे सभी पशु :
एसपीसीए के निरीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि मवेशियों को बेहद क्रूरता के साथ लाया गया था, उनके लिए किसी भी प्रकार के भोजन या पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी. निरीक्षक ने बताया कि सभी गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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