अंतरराष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप में जिले की बेटी ने लहराया भारत का परचम, जीता गोल्ड मेडल

दीक्षा की इस सफलता के पीछे उनकी कठोर मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय है. दीक्षा की मां ने कहा कि बेटी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है.







                                                                   






- जॉर्जिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विश्व प्रतियोगिता
- कई देशों के खिलाड़ियों को पछाड़ कर दीक्षा ने जमाया स्वर्ण पदक पर कब्जा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के महदह गांव की बेटी दीक्षा कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर और भारत का नाम रौशन किया है. दीक्षा ने जॉर्जिया के बटुमि में आयोजित बटुमि ओपन इंटरनेशनल वुशु टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता है. वह 48 किलो भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थीं. इस उपलब्धि के साथ, दीक्षा ने देश और अपने जिले में खुशी की लहर दौड़ा दी है.

दीक्षा कुमारी जिले के महदह गांव के किसान बलवंत सिंह की छोटी बेटी हैं. वह पिछले कई वर्षों से वुशु जैसे खेल में अपना कौशल दिखा रही हैं और अपने मेहनत और समर्पण से इस मुकाम तक पहुंची हैं. बटुमि ओपन इंटरनेशनल वुशु टूर्नामेंट में दीक्षा ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह अद्वितीय है. दीक्षा ने न केवल अपना व्यक्तिगत कौशल दिखाया, बल्कि भारत के तिरंगे को भी गर्व से लहराया.

दीक्षा का यह मानना है कि इस सफलता के पीछे उनकी बड़ी बहन निधि कुमारी का बड़ा हाथ है. निधि खुद एक सफल वुशु खिलाड़ी रही हैं और निर्वाचन आयोग द्वारा बक्सर के ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी चुनी गई थीं. दीक्षा ने बताया कि उन्हें वुशु में करियर बनाने की प्रेरणा अपनी बहन से मिली. बहन निधि की खेल उपलब्धियों ने दीक्षा को इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया.

परिवार और गांव में खुशी की लहर :

दीक्षा की इस जीत से उनके गांव महदह में जश्न का माहौल है. पिता बलवंत सिंह ने कहा कि दीक्षा बचपन से ही खेलों में रुचि रखती थी और उन्होंने हमेशा उसकी प्रतिभा को निखारने में पूरा सहयोग दिया. दीक्षा की इस सफलता के पीछे उनकी कठोर मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय है. दीक्षा की मां ने कहा कि बेटी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है.

सरकार और खेल संघ से सम्मान की उम्मीद :

दीक्षा की इस उपलब्धि के बाद, उनके कोच और स्थानीय खेल संघों ने उम्मीद जताई है कि सरकार और खेल विभाग उन्हें उचित सम्मान और समर्थन देंगे. दीक्षा ने यह साबित कर दिया है कि छोटे गांवों और कस्बों के युवा भी विश्व मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर मिले.

प्रेरणा बनी दीक्षा :

दीक्षा कुमारी की यह जीत उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत कर रहे हैं. दीक्षा ने दिखाया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हर सपना पूरा किया जा सकता है.








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