रावण वध कार्यक्रम के लिए छह क्षेत्रों में बांटा गया किला मैदान, डीएम-एसपी ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा

विशेष क्षेत्र बनाया गया है, जहां से रावण दहन का आयोजन किया जाएगा. यह क्षेत्र सामान्य भीड़ से दूर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या खतरे से बचा जा सके. डीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने इस बार सुरक्षा के विशेष उपाय किए हैं.










 

- किला मैदान में शनिवार को दिन में 2 बजे से 5 बजे तक होगा आयोजन
- लोगों से की गई सतर्कता बरतते हुए सुरक्षित रहने की अपील

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के किला मैदान में शनिवार 12 अक्टूबर को होने वाले रावण वध कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया गया. डीएम अंशुल अग्रवाल और एसपी शुभम आर्य ने मैदान में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान सुरक्षा से लेकर आयोजन स्थल पर भीड़ नियंत्रण के उपायों की बारीकी से जांच की गई.

किला मैदान में रावण वध का आयोजन दोपहर 2:00 बजे से होगा, जिसकी व्यापक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. मैदान को 6 अलग-अलग सेक्शन में बांटा गया है, ताकि भीड़ को सही तरीके से संभाला जा सके. इसमें आने और बाहर जाने के लिए 6 गेट बनाए गए हैं, जिनसे लोगों का प्रवेश और निकास सुनिश्चित हो सकेगा. मैदान के चारों कोनों पर वॉच टावर स्थापित किए गए हैं, जहां से पुलिसकर्मी भीड़ पर नजर रखेंगे.

सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने ड्रोन कैमरों का भी उपयोग करने का फैसला किया है, जिससे पूरे कार्यक्रम की निगरानी की जा सके. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी भीड़ नियंत्रण के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने के उपाय भी सुझाए गए हैं. लोगों को जागरूक करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति में शांतिपूर्वक व्यवहार किया जा सके.

रामलीला समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा और मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने बताया कि इस बार रावण वध कार्यक्रम में रावण और मेघनाद के क्रमशः 45 और 40 फीट ऊंचे पुतले जलाए जाएंगे. कार्यक्रम दिन में 2:00 बजे से शुरु होगा और शाम 5 बजे समाप्त होगा. रावण के मुकुट से निकलने वाली कोल्ड फायर का अद्भुत दृश्य इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहेगा.

हर साल की तरह इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश सहित आसपास के इलाकों से लाखों लोग इस आयोजन को देखने के लिए बक्सर पहुंचेंगे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक तैयारियों के साथ-साथ समिति ने भी अपनी तरफ से विशेष इंतजाम किए हैं. समिति ने लोगों से अपील की है कि वे समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके.

रावण वध के लिए डी एरिया नामक विशेष क्षेत्र बनाया गया है, जहां से रावण दहन का आयोजन किया जाएगा. यह क्षेत्र सामान्य भीड़ से दूर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या खतरे से बचा जा सके. डीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने इस बार सुरक्षा के विशेष उपाय किए हैं. ड्रोन से निगरानी के साथ लोगों को संबोधित करने की व्यवस्था की गई है ताकि कोई भी सूचना त्वरित रूप से जनता तक पहुंचाई जा सके.

बनाई गई है ग्राउंड कंट्रोल टीम :

एसपी शुभम आर्य ने बताया कि इस साल कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है. मैदान में सुरक्षा को लेकर ग्राउंड कंट्रोल टीम तैनात की गई है, जो भीड़ पर नजर रखेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर लोगों से संयमित रहने की अपील की जा रही है, ताकि कार्यक्रम का आयोजन सुरक्षित तरीके से किया जा सके.

पटाखा लाने की मनाही, धूम्रपान से बचने की नसीहत :

आपदा विभाग की ओर से भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने के उपाय भी जारी किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से अफवाहों पर ध्यान न देने और बच्चों को अकेले न छोड़ने की सलाह दी गई है. लोगों से आग्रह किया गया है कि वे मेले में ज्वलनशील पदार्थ और पटाखे न लाएं. इसके अलावा, मेले में धूम्रपान न करने की सख्त हिदायत दी गई है.

बच्चों व बुजुर्गों को दी गई मोबाइल नंबर रखने की सलाह :

प्रशासन ने भीड़ में अराजकता से बचने के लिए लोगों से संयम बरतने और आपात स्थिति में धैर्य बनाए रखने की अपील की है. बिजली के तारों और अन्य खतरनाक उपकरणों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है. छोटे बच्चों, वृद्धों और बीमार व्यक्तियों के साथ आने वालों को यह सुझाव दिया गया है कि वे अपने प्रियजनों के पास उनके पते और फोन नंबर के साथ एक पहचान पत्र या लॉकेट रखें.

मेला क्षेत्र में रुके नहीं, चलते रहे :

समिति ने यह भी अपील की है कि लोग मेला क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ न लगाएं और चलते-फिरते रहें. परिवार या समूह में आने वालों को मेला क्षेत्र के बाहर मिलने के लिए एक विशेष स्थान तय करने की सलाह दी गई है, ताकि आपातकालीन स्थिति में एक-दूसरे को आसानी से ढूंढा जा सके.

कुल मिलाकर, इस बार बक्सर के किला मैदान में रावण वध का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर होने वाला है, जिसकी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. प्रशासन और समिति दोनों ने मिलकर सुनिश्चित किया है कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो.







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