वह एक खुला स्थान है, जहाँ कोई भी सामान रख सकता है. उन्होंने मौके से ही फोन के माध्यम से पुलिस के वरीय अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
- पुलिस जांच की मांग, भाजपा नेता ने उठाए कार्रवाई की निष्पक्षता पर सवाल
- ग्रामीणों ने एसपी से की मुलाकात, निष्पक्ष जांच करने का अनुरोध
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के पांडेपुर गांव में बीते 22 अक्टूबर को पुलिस ने हेरोइन तस्करी के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया. ग्रामीणों का दावा है कि महिला निर्दोष है और आरोप बेबुनियाद हैं. उनका कहना है कि इस मामले में पुलिस की मिलीभगत से एक स्कूल संचालक ने उन्हें फंसाया है. इसके विरोध में ग्रामीणों ने दीपावली न मनाने का फैसला किया है और मामले में एसपी शुभम आर्य से निष्पक्ष जांच की मांग की है.
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस ने महिला के पति पर भी हेरोइन तस्करी का आरोप लगाया है, जो झूठा है. भाजपा नेता विजय मिश्रा ने गांव पहुंच कर ग्रामीणों से मुलाकात की और इस मामले में संदेह जताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई की जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस स्थान से हेरोइन बरामद हुई, वह एक खुला स्थान है, जहाँ कोई भी सामान रख सकता है. उन्होंने मौके से ही फोन के माध्यम से पुलिस के वरीय अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
यहां बता दें कि 22 अक्टूबर की रात ब्रह्मपुर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पांडेयपुर गांव के निवासी संतोष दूबे के घर पर छापा मारा गया, जिसमें 24.12 ग्राम हेरोइन, एक इलेक्ट्रॉनिक तराजू, एक देशी कट्टा और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस दौरान संतोष की पत्नी नेहा दूबे को गिरफ्तार कर लिया गया. डुमरांव अनुमंडल के डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी ने बताया कि महिला ने पूछताछ में कबूल किया कि उसके पति हेरोइन की तस्करी में लिप्त हैं और हथियार अपनी सुरक्षा के लिए रखते हैं.
हालांकि इस घटना के बाद ग्रामीणों का यह कहना है कि जिस व्यक्ति पर हेरोइन तस्करी का आरोप लग रहा है वह निजी विद्यालय में शिक्षक थे और संचालक से विवाद होने के बाद उन्होंने वहां पढ़ना छोड़ दिया था, लेकिन संचालक ने उन्हें फंसाने की धमकी दी थी. इसी बीच पुलिस ने अचानक छापेमारी की और संतोष दुबे के न रहने पर उनकी पत्नी और नौ माह के दूधमुंहे बच्चों को भी पकड़ लिया जबकि संतोष दूबे का ना तो कोई आपराधिक इतिहास रहा है और ना गांव वालों को कभी इस तरह के कारोबार की भनक लगी है. इतना ही नहीं पुलिस भी जब छापेमारी करने पहुंची थी तो उसकी गतिविधि संदिग्ध लग रही थी पुलिस ने ग्रामीणों को मौके से भगा दिया था और लोगों के मोबाइल फोन भी छीन लिए।
ऐसे में ग्रामीणों में अब गहरा आक्रोश है. उन्होंने फैसला किया है कि वे इस वर्ष दीपावली नहीं मनाएंगे और सिर्फ पूजा-पाठ कर सामान्य तरीके से त्योहार मनाएंगे. उनका मानना है कि महिला को फंसाया गया है, और इस वजह से उनके साथ न्याय किया जाना चाहिए.
कहते हैं एसपी :
मामले में ग्रामीणों ने मुलाकात की थी डीआइजी से भी मामले की जांच के निर्देश मिले हैं. ऐसे में डुमरांव एसडीपीओ आफाक अख्तर अंसारी से एक बार पुनः मामले की जांच कराई जाएगी.
शुभम आर्य
एसपी, बक्सर
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