कहा कि इस मंदिर की महिमा से जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. इसी कारण हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. नवरात्रि के अंतिम दिन 1008 कन्याओं का पूजन कराने की परंपरा पिछले 12 वर्षों से चली आ रही है.
- पूजा पंडालों में दिख रहा आस्था का जनसैलाब
- माँ कालरात्रि नवदुर्गा धाम में श्रद्धालुओं की भीड़, कन्या पूजन की परंपरा जारी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर जगतजननी माता दुर्गा का पट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खोला गया. पट खुलते ही एक ओर जहां माता के भक्तों की भीड़ पूजा पंडालों में उमड़ पड़ी, वहीं दूसरी ओर देवराज इंद्र ने झमाझम बारिश के साथ ममतामयी माता का स्वागत किया. इसके साथ ही सप्तमी तिथि पर माता की पूजा के लिए विभिन्न देव मंदिरों में भी आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. महदह स्थित माँ कालरात्रि महाशक्ति नवदुर्गा धाम में भी श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचने लगे. कुछ भक्तों ने इसी मंदिर में कलश स्थापना की है और नौ दिन पूजा कर रहे हैं.
श्रद्धालुओं को निर्देशित करते अमित सैनी |
मंदिर प्रबंध समिति के अमित सैनी ने बताया कि माँ महाशक्ति कालरात्रि धाम में कलश रखकर पूजा करने वाले भक्तों के फलाहार के लिए नौ दिनों तक की व्यवस्था है. साथ आने वाले भक्तों के लिए अलग से भंडारे की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इस मंदिर की महिमा से जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. इसी कारण हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. नवरात्रि के अंतिम दिन 1008 कन्याओं का पूजन कराने की परंपरा पिछले 12 वर्षों से चली आ रही है. इस वर्ष भी कन्या पूजन के साथ उन्हें सुस्वादु भोजन और दक्षिणा देकर सम्मानित किया जाएगा.
वाराणसी से पहुंचे पुजारी शिवम तिवारी ने बताया कि भक्तों ने जो कलश स्थापित किए हैं, उनकी स्थापना के लिए वे वाराणसी से यहां आए हैं. यहां का भक्ति का वातावरण देखकर उनका भी मन प्रसन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि यह स्थान निश्चित रूप से श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है, जिसकी ख्याति दिन-ब-दिन बढ़ रही है.
मंदिर के महंत द्वारिका दास जी महाराज ने सभी श्रद्धालुओं से कन्या पूजन में सम्मिलित होने की अपील की और उन्हें माता भगवती के प्रसाद का वितरण भी किया.
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