खतियान की कॉपी के लिए मशक्कत के बीच अभिलेखागार में खुली "सुविधा खिड़की"

जिन व्यक्तियों को लेनदेन की प्रक्रिया का ज्ञान है, उनका काम जल्दी हो रहा है, लेकिन आम जनता को कई दिनों तक चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है.









                                           


- अभिलेखागार में खतियान की कॉपी निकालने में लोगों को हो रही परेशानी
- कर्मियों के मनमानी के कारण कई दिनों से चक्कर काट रहे लोग

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला अभिलेखागार में खतियान की कॉपी निकालने के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिन व्यक्तियों को लेनदेन की प्रक्रिया का ज्ञान है, उनका काम जल्दी हो रहा है, लेकिन आम जनता को कई दिनों तक चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इस बीच, अभिलेखागार में किनारे की खिड़की खोलकर लेनदेन का कार्य करने की बात सामने आई है. अधिकारी इसे अनधिकृत मानते हैं, लेकिन कर्मी इसका उपयोग कर रहे हैं.

अभिलेखागार के प्रभारी अधिकारी अल्मा मुख्तार ने बताया कि प्रतिदिन करीब 300 आवेदन आ रहे हैं, लेकिन सीमित कर्मियों के कारण केवल 50 से 60 आवेदनों का ही निष्पादन हो पाता है. इस वजह से देर शाम तक कार्यालय खोलकर काम करना पड़ता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी कार्य मुख्य दरवाजे से होने चाहिए और किनारे की खिड़की से कार्य करना अनुचित है. अगर किसी कर्मी द्वारा ऐसा किया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी.

ऑनलाइन व्यवस्था की कमी बनी चुनौती :

अधिकारी ने स्वीकार किया कि ऑनलाइन प्रणाली की अनुपलब्धता के कारण आवेदन प्रक्रिया में दिक्कतें आ रही हैं. इसके बावजूद, नागरिकों की सुविधा के लिए कार्यालय के बाहर एक सूची चिपकाई जा रही है, जिसमें खतियान मिलने का संभावित समय दर्ज है. इससे लोगों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके.

जनता की परेशानी, कर्मियों पर सवाल :

अभिलेखागार में जो खिड़की खुली हुई है वह पहुंचे कुछ लोग "बड़ा बाबू" और "वर्मा जी" का नाम पुकारते नजर आए. स्थानीय लोगों का कहना है कि खिड़की से हो रहे कार्य में पारदर्शिता की कमी है, और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. सूत्र बताते हैं कि जो लोग रिश्वत देकर प्रक्रिया पूरी करा रहे हैं, उन्हें तुरंत सेवा मिल रही है, जबकि आम लोग लगातार परेशान हो रहे हैं.

गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी :

प्रभारी अधिकारी अल्मा मुख्तार ने साफ किया कि अगर किसी कर्मी द्वारा गड़बड़ी की पुष्टि हुई, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, कार्य प्रक्रिया को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जा रहा है.










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