कहा कि शारदा सिन्हा ने अपने सुरीले गीतों से मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी और हिंदी संगीत को नई पहचान दी. उनकी आवाज में छठ महापर्व के गीत आज भी देशभर में गूंजते हैं. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
- शारदा सिन्हा के निधन पर कलाकारों में शोक की लहर
- शारदा सिन्हा के निधन को बताया अपूरणीय क्षति
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर, पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन हो गई हैं. उनके निधन से संपूर्ण कला जगत में शोक व्याप्त है. इस दुखद घटना पर जिला आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा गहरी शोक संवेदना व्यक्त की गई है.
डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ बक्सर "डाब" के अध्यक्ष सुरेश संगम और महासचिव हरिशंकर गुप्ता ने संयुक्त रूप से प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए शोक प्रकट किया. उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा ने अपने सुरीले गीतों से मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी और हिंदी संगीत को नई पहचान दी. उनकी आवाज में छठ महापर्व के गीत आज भी देशभर में गूंजते हैं. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
इसके अतिरिक्त, विश्व भोजपुरी विकास परिषद के महासचिव मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा का निधन भोजपुरी समाज के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में भोजपुरी, मैथिली और हिंदी भाषा को नई पहचान दिलाने का अथक प्रयास किया. श्रीवास्तव ने कहा कि जमशेदपुर में आयोजित भोजपुरी सम्मेलन के दौरान उन्हें शारदा सिन्हा के सानिध्य का सौभाग्य मिला, जहां उन्होंने हमेशा भोजपुरी भाषा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का सपना साझा किया.
संघ के पदाधिकारियों सुरेश संगम, हरिशंकर गुप्ता और मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव ने ईश्वर से शारदा सिन्हा की आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की और उनके परिजनों, प्रशंसकों तथा अनुयायियों को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की कामना की.
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