बजाज ऑटो की प्रतिष्ठा पर सवाल, कंपनी के सीइओ व अन्य अधिकारियों पर बक्सर में एफआइआर

अब इस विवाद ने कंपनी की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है. शहर में चर्चा है कि बजाज ऑटो जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के अधिकारियों द्वारा इस तरह की धोखाधड़ी करना न केवल ग्राहकों के भरोसे को तोड़ रहा है, बल्कि कंपनी की साख पर भी बट्टा लगा रहा है.
कंपनी के सीइओ सारंग कनाडे







                                            





- बक्सर में 20 वर्षों से विश्वसनीयता का प्रतीक रहा कैलाश ऑटो विवादों में
- रीजनल मैनेजर पर डीलरशिप हड़पने की साजिश रचने का आरोप, न्यायालय में 10 करोड़ रुपये का वाद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बजाज ऑटो कंपनी की प्रतिष्ठा को झटका देते हुए, जिले की प्रमुख बजाज एजेंसी कैलाश ऑटो के एक पार्टनर ने कंपनी के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमित कुमार ने नगर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि कंपनी के सीइओ सारंग कनाडे, रीजनल मैनेजर और अन्य अधिकारियों ने उनके परिवार की हिस्सेदारी हड़पने की साजिश रची. मामले में कंपनी अधिकारियों सिमरवीर सिंह, करण सिन्हा, अमित कुमार यादव और  को मुख्य आरोपी बनाया गया है.

अमित कुमार के अनुसार, यह विवाद तब शुरु हुआ जब उनके भाई और फर्म के पार्टनर अजीत सिंह का अचानक निधन हो गया. इसके बाद, अजीत सिंह के स्थान पर उनके पिता सत्येंद्र सिंह का नाम फर्म में पार्टनर के तौर पर दर्ज किया गया. इसी दौरान कंपनी के रीजनल मैनेजर सिमरवीर सिंह ने बलिया में स्थित उनकी दूसरी डीलरशिप छोड़ने का दबाव बनाया. रीजनल मैनेजर ने नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया लेकिन, साजिश के तहत बगैर क्षतिपूर्ति किए उन्हें बलिया डीलरशिप से इस्तीफा दिलवा दिया.

20 साल की प्रतिष्ठा को झटका :

कैलाश ऑटो पिछले 20 वर्षों से बक्सर में बजाज ऑटो कंपनी की विश्वसनीयता का प्रतीक रहा है. लेकिन अब इस विवाद ने कंपनी की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है. शहर में चर्चा है कि बजाज ऑटो जैसी प्रतिष्ठित कंपनी के अधिकारियों द्वारा इस तरह की धोखाधड़ी करना न केवल ग्राहकों के भरोसे को तोड़ रहा है, बल्कि कंपनी की साख पर भी बट्टा लगा रहा है.

न्यायालय में 10 करोड़ का वाद :

अमित कुमार ने न्यायालय में 10 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के लिए वाद दायर किया है और मांग की है कि जब तक मामला सुलझ न जाए, तब तक किसी अन्य को बक्सर में बजाज डीलरशिप न दी जाए. उन्होंने कहा, "अदालत से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है."

पारिवारिक फर्म का विवरण :

अमित कुमार के मुताबिक, उनकी फर्म "कैलाश बजाज" की स्थापना 2004 में बक्सर में हुई थी. इसमें अमित कुमार और उनके पिता सत्येंद्र सिंह पार्टनर हैं. वहीं, बलिया में स्थित फर्म में उनके पिता के अलावा पूनम सिंह, रेणु सिंह और सुजीत कुमार भी साझेदार हैं.

अधिकारियों की भूमिका पर सवाल :

इस पूरे मामले में बजाज के रीजनल मैनेजर और अन्य अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कैलाश ऑटो के संचालकों के साथ हुई इस धोखाधड़ी को नजरअंदाज करना बजाज ऑटो की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.

आगे की कार्रवाई जारी :

नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा के अनुसार पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, अमित कुमार ने कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है.










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