वीडियो : शाहाबाद महोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक और गौरवशाली विरासत के संरक्षण की पहल

उन्होंने कहा, "शाहाबाद के समृद्ध इतिहास, लोक नृत्य और लोक गायन को बढ़ावा देने के लिए यह महोत्सव एक आदर्श मंच है. यह न केवल कलाकारों को प्रोत्साहित करता है बल्कि क्षेत्रीय धरोहर को सहेजने का भी कार्य करता है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह कार्यक्रम निरंतर होता रहे."






                                            






- लोक कलाकारों को मंच देकर संस्कृति को सहेजने की पहल
- समृद्ध इतिहास और कला को पुनर्जीवित करने का प्रयास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ऐतिहासिक किला मैदान में शनिवार को आयोजित शाहाबाद महोत्सव ने लोगों को अपनी समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का अद्भुत अवसर प्रदान किया. इस कार्यक्रम में शाहाबाद के अलग-अलग क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं, जिन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए इसे संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने संयोजक अखिलेश कुमार सिंह को इस आयोजन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, "शाहाबाद के समृद्ध इतिहास, लोक नृत्य और लोक गायन को बढ़ावा देने के लिए यह महोत्सव एक आदर्श मंच है. यह न केवल कलाकारों को प्रोत्साहित करता है बल्कि क्षेत्रीय धरोहर को सहेजने का भी कार्य करता है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि यह कार्यक्रम निरंतर होता रहे."

भाजपा महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष कंचन देवी ने कहा, "संयोजक ने विलुप्त होती संस्कृति को पुनर्जीवित करने का जो प्रयास किया है, वह प्रशंसा के योग्य है. यह महोत्सव शाहाबाद की पुरातन विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा."

विधायकों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति :

कार्यक्रम में बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी, डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह, राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, दिनारा विधायक विजय मंडल और करहगर विधायक संतोष मिश्र ने भी शिरकत की. भाजपा के पूर्व विधायक रामेश्वर चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता नियामतुल्लाह फरीदी, दंत चिकित्सक डॉक्टर आशुतोष कुमार सिंह और भाजपा नेता उषा दूबे भी इस अवसर पर उपस्थित रहे.

संस्कृति को बढ़ावा देने की चर्चा :

शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के सदस्य विमल कुमार सिंह ने बताया, "इस कार्यक्रम का उद्देश्य शाहाबाद की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजना और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ना है. यह आयोजन सभी जाति, वर्ग और समुदायों को एक मंच पर लाने का काम कर रहा है."

कार्यक्रम में लोक नृत्य, लोक गायन और पारंपरिक कला के विभिन्न प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने आयोजन समिति के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे एक मील का पत्थर बताया.

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