बक्सर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजेगा शाहाबाद महोत्सव

कहा कि शाहाबाद महोत्सव का उद्देश्य नई पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराना है. पिछले पाँच वर्षों से इस महोत्सव के माध्यम से न केवल परंपराओं को सहेजने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों को आमंत्रित कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. 








                                            



  • बक्सर की ऐतिहासिक भूमि पर सांस्कृतिक महोत्सव की तैयारी
  • परंपरा, कला और पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गंगा के तट पर स्थित बक्सर, जिसे शाहाबाद की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है, अपने गौरवशाली इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है. इस भूमि पर 16 नवंबर को किला मैदान में एक ऐतिहासिक महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने अहिरौली मोड़ स्थित मां शिवरात्रि हेल्थ हॉस्पिटल में आयोजित एक बैठक में इस महोत्सव की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह आयोजन बक्सर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को प्रकट करने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि शाहाबाद की धरती ने कई उत्कृष्ट व्यक्तित्वों को जन्म दिया है, जिन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, कला और राजनीति जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है.

सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का उद्देश्य :

बैठक में डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि शाहाबाद महोत्सव का उद्देश्य नई पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराना है. पिछले पाँच वर्षों से इस महोत्सव के माध्यम से न केवल परंपराओं को सहेजने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों को आमंत्रित कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. इस वर्ष भी किला मैदान में नृत्य, संगीत, साहित्य, और कला के विविध रंग देखने को मिलेंगे, जिनमें सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले कलाकार शामिल होंगे.

पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास :

ग्राम रक्षा दल के प्रदेश महामंत्री कमलेश राय ने इस अवसर पर कहा कि इस महोत्सव से बक्सर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. कैमूरांचल क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इस महोत्सव के माध्यम से इन संभावनाओं का विकास किया जा रहा है. साथ ही, विक्रमगंज के नागेन्द्र झा महिला कॉलेज के प्राचार्य अमरेन्द्र मिश्रा ने इस महोत्सव में परंपरागत नृत्य और गीत प्रस्तुतियों पर जोर दिया, ताकि लोगों को क्षेत्र की प्राचीन परंपराओं से अवगत कराया जा सके. भाजपा प्रवक्ता उषा दूबे ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि बक्सर की सांस्कृतिक पहचान भी मजबूत होगी.










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