आशा कार्यकर्ता करेंगी सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन

सरकार पर मौन साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि प्रदर्शन के बाद भी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो संघ हड़ताल जैसे कदम उठाने को बाध्य होगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी.









                                           


- आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रहे दबाव और धमकियों के खिलाफ विरोध
- 7 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में 7 दिसंबर को बिहार के सभी जिलों में सिविल सर्जन कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन का निर्णय लिया है. जिले में भी आशा और आशा फैसिलिटेटर इसी दिन सिविल सर्जन कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगी. इस संबंध में जानकारी राज्य उपाध्यक्ष सह जिला संयोजक अरुण कुमार ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी.

उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है. आठवीं पास आशा कार्यकर्ता सर्वेक्षण तो कर सकती हैं, लेकिन लॉगिन जैसे तकनीकी कार्यों में सक्षम नहीं हैं. इसके बावजूद, जिला स्वास्थ्य समितियों द्वारा चयन मुक्त करने की धमकियां दी जा रही हैं, जिससे आशा कार्यकर्ताओं में भय का माहौल बन गया है.

ओझा ने कहा कि लाभार्थियों को उप-केंद्र तक पहुंचाने का कार्य आशा कार्यकर्ताओं का दायित्व होना चाहिए. डाटा लॉगिन का कार्य वहीं नियुक्त ऑपरेटरों से कराया जाना चाहिए. साथ ही, पूर्व हड़ताल के बाद सरकार द्वारा किए गए समझौतों को अब तक लागू नहीं किया गया है. इनमें 2 हज़ार 500 रुपये के मानदेय का भुगतान भी शामिल है, जो अभी तक लंबित है.

उन्होंने सरकार पर मौन साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि प्रदर्शन के बाद भी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो संघ हड़ताल जैसे कदम उठाने को बाध्य होगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी.

ओझा ने बक्सर जिले की सभी आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है.










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