महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन ने किया कंबल वितरण व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कई नेता आए और गए, लेकिन बक्सर के उत्थान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन बक्सर को उसका खोया हुआ गौरव वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.









                                           



- सैकड़ों जरूरतमंदों के बीच बांटे गए कंबल, स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
- राजकुमार चौबे बोले- बक्सर को मिलेगा उसका खोया हुआ गौरव

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के पीपरपांती रोड स्थित इंद्रधनुष वस्त्रालय के सामने महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरित किए गए और स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर सैकड़ों लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई. इसके अतिरिक्त अलग से दिव्यांग जनों के बीच भी कंबल बांटे गए. इस कार्यक्रम में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चौबे और शाहबाद संयोजक रविराज सहित समाज के कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे.



जरूरतमंदों के लिए सेवा भाव :

राजकुमार चौबे ने बताया कि फाउंडेशन लंबे समय से जरूरतमंदों की सेवा में कार्यरत है. शिक्षा के क्षेत्र में नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न निशुल्क शिक्षा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. चौबे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाता है.

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की शिक्षास्थली होने के बावजूद बक्सर को वह गौरव नहीं मिल सका है, जिसके वह हकदार हैं. चौबे ने जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कई नेता आए और गए, लेकिन बक्सर के उत्थान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया. उन्होंने स्पष्ट किया कि महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन बक्सर को उसका खोया हुआ गौरव वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.

बक्सर के गौरवशाली इतिहास पर जोर :

राजकुमार चौबे ने बक्सर के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बक्सर का इतिहास अयोध्या जितना ही पुराना है. उन्होंने कहा, "काशी, मथुरा और वृंदावन की तरह बक्सर भी सनातन संस्कृति का केंद्र है, लेकिन आज बक्सर को केवल बक्सर युद्ध के लिए जाना जाता है. महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन इसे बदलने का कार्य कर रहा है ताकि बक्सर के नाम को पूरी दुनिया में महर्षि विश्वामित्र और उनकी शिक्षा के साथ जोड़ा जा सके."

चौबे ने यह भी बताया कि उनके प्रयासों से रामरेखा घाट के जीर्णोद्धार के लिए 17 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली थी. उन्होंने विश्वामित्र कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में भी काम करने की बात कही और भरोसा जताया कि यह योजना जल्द स्वीकृत होगी.

धर्म और संस्कृति की रक्षा का संकल्प :

उन्होंने मथुरा में संत रितेश्वर जी महाराज से मुलाकात कर बक्सर में एक बड़े धार्मिक आयोजन की योजना बनाई है. साथ ही रितेश्वर जी महाराज ने बक्सर में पहला सनातन विश्वविद्यालय खोलने की इच्छा जताई है, जिस पर कार्य जारी है.

चौबे ने यह भी कहा कि बक्सर की जेल में वामन भगवान की प्रतिमा को मुक्त कराने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा. "हमारी संस्कृति को इस तरह से कैद नहीं किया जा सकता," उन्होंने कहा.


एयरपोर्ट निर्माण की मांग :

बक्सर के विकास को लेकर चौबे ने कहा कि बिहार के 11 जिलों में एयरपोर्ट की सुविधा है, लेकिन बक्सर अब तक इससे वंचित है. उन्होंने कहा कि यदि बक्सर में एयरपोर्ट बन जाए तो पर्यटक बड़ी संख्या में यहां आएंगे, जिससे न केवल क्षेत्र का विकास होगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.

उन्होंने गंगा कटाव की समस्या को भी उठाया और कहा कि वह सरकार से इस मुद्दे पर बात करेंगे ताकि बक्सरवासियों को राहत मिल सके.

जनसमर्थन और भविष्य की योजनाएं :

राजकुमार चौबे ने स्पष्ट किया कि वह राजनीति में नहीं बल्कि संस्कृति की रक्षा की मुहिम लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बक्सर के उत्थान के लिए वह किसी भी स्तर तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.

इस कार्यक्रम में मीडिया कोऑर्डिनेटर अशोक उपाध्याय, सिद्धेश्वरानंद बक्सरी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.











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