लाल बाबा आश्रम में श्रीराम कथा : फुलवारी प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन

27 दिसंबर को भव्य भंडारे के साथ इसका समापन किया जाएगा. कथा व्यास चिंताहरण जी महाराज ने बताया कि 24 दिसंबर से कथा का अगला भाग प्रारंभ होगा, जिसमें श्रीराम के राज्याभिषेक और वनवास प्रसंग की चर्चा की जाएगी.
व्यास पूजन करते पंडित सुरेंद्र तिवारी व अन्य








                                           




- आचार्य चिंताहरण ने समझाया भक्ति और विनम्रता का महत्व
- आज कही जाएगी सीताराम विवाह की कथा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सती घाट स्थित लाल बाबा आश्रम में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें दिन, मंगलवार को, आचार्य चिंताहरण महाराज ने भगवान श्रीराम के फुलवारी प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जिन्होंने भक्ति और आस्था के साथ कथा का श्रवण किया.


आचार्य ने बताया कि फुलवारी प्रसंग में भगवान श्रीराम और माता सीता का प्रथम मिलन होता है. यह प्रसंग प्रेम, भक्ति और विनम्रता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने फुलवारी में प्रवेश कर विभिन्न पुष्पों का वर्णन किया, जिससे उनकी प्रकृति के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता प्रकट होती है. इस दौरान माता सीता और उनकी सखियों ने भगवान श्रीराम को देखा, जिससे उनके मन में श्रद्धा और भक्ति की भावना जागृत हुई.

भक्ति और विनम्रता का महत्व

आचार्य ने इस प्रसंग के माध्यम से भक्ति और विनम्रता के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र हमें सिखाता है कि जीवन में विनम्रता और भक्ति का कितना महत्व है. उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में इन गुणों को अपनाएं और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा को और गहरा करें.

कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जिनमें शहर के गणमान्य लोग भी शामिल थे। प्रमुख रूप से उपस्थित श्रद्धालुओं में गुरु जी गणेश उपाध्याय, काली बाबू, जदयू प्रदेश के नेता आजाद सिंह राठौड़, नंद जी चौबे, धर्मराज राय, रामनाथ ओझा, दमड़ी राय, शिवकुमार सिन्हा उर्फ भैया जी, काली बाबू, लोटा बाबा, नीरज सिंह, दुर्गेश जी, बबलू तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, मनोज वर्मा, पुना बाबा, लल्लू वर्मा, वीर राय, रंजीत राय, काली सिंह, राकेश वर्मा, रतन शर्मा, ललन शर्मा, आरती गुप्ता, राजू वर्मा, छोटू उपाध्याय, जिउत साधु, अनंत वर्मा, शशिभूषण पांडे, शिव जी चौधरी, सुरेंद्र वर्मा, अयोध्या यादव, संतोष गुप्ता, राजेंद्र चौरसिया, चंदन गुप्ता और रणधीर श्रीवास्तव मौजूद थे.

कथा का आयोजन और समापन

लाल बाबा आश्रम के महंत सुरेंद्र जी महाराज के सान्निध्य में यह आयोजन हो रहा है. कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक होती है और 27 दिसंबर को भव्य भंडारे के साथ इसका समापन किया जाएगा. कथा व्यास चिंताहरण जी महाराज ने बताया कि 24 दिसंबर से कथा का अगला भाग प्रारंभ होगा, जिसमें श्रीराम के राज्याभिषेक और वनवास प्रसंग की चर्चा की जाएगी.

भक्तों के लिए संदेश :

आचार्य चिंताहरण जी महाराज ने भक्तों से आग्रह किया कि वे भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करें और अपने जीवन को धर्म और सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति से ही जीवन का कल्याण संभव है.

लाल बाबा आश्रम में चल रही इस नौ दिवसीय कथा के प्रति भक्तों का उत्साह चरम पर है और समापन के दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा.









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