न्यायालय प्रशासन को चाबियां सौंपने के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे कर्मी ..

बुधवार को न्यायालय अवधि समाप्त होने के बाद कर्मियों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय को न्यायालयों की चाबियां सौंप दीं. इस दौरान कर्मियों ने न्यायालय अभिलेखों की सुरक्षा पर चिंता जताई. 













- कर्मियों की चार सूत्री मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी
- वादकारियों की मुश्किलें बढ़ने की संभावना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय व्यवहार न्यायालय के कर्मियों ने अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है. हड़ताल से पहले बुधवार को सभी न्यायालय कर्मियों ने न्यायालय अवधि समाप्त होने के बाद अपने-अपने न्यायालयों की चाभियां प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय को सौंप दी थीं. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय अभिलेखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अखौरी राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि उनकी चार प्रमुख मांगें स्नातक स्तर का वेतनमान और प्रोन्नति, शत-प्रतिशत अनुकंपा नियुक्ति, चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की प्रोन्नति और राज्य न्यायालय कर्मी एवं अधिकारी कैडर का गठन हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक कर्मी कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे.

न्यायालय प्रशासन को सौंपी गई अभिलेख गृह की चाबियां : 

बुधवार को न्यायालय अवधि समाप्त होने के बाद कर्मियों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय को न्यायालयों की चाबियां सौंप दीं. इस दौरान कर्मियों ने न्यायालय अभिलेखों की सुरक्षा पर चिंता जताई. जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में कर्मियों ने न्यायालय प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि हड़ताल के दौरान सभी अभिलेख सुरक्षित रहें.

आंदोलन जारी रखने का संकल्प :

इस मौके पर कौशलेंद्र कुमार ओझा, शैलेश कुमार ओझा, रवींद्र कुमार, जगत प्रसाद नंदन, अमित वर्मा, ज्योति कुमारी, अमरेंद्र भारती, मनोज कुमार शर्मा, अजय कुमार, मृत्युंजय, सुनील कुमार चक्रवर्ती, प्रियंका कुमारी समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे. सभी ने एक स्वर में अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया.

वादकारियों की बढ़ेंगी मुश्किलें :

इस हड़ताल के कारण न्यायालयीय कार्य पूरी तरह बाधित हो सकता है. इसका सीधा प्रभाव वादकारियों और न्यायालय में आने वाले अन्य लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें अपने कार्यों में देरी और असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. संघ ने राज्य सरकार और पटना उच्च न्यायालय को अपनी मांगों की जानकारी देते हुए जल्द समाधान की अपील की है.

हड़ताल के कारण न्यायालय में सन्नाटा छा गया है, और कर्मियों ने इस मुद्दे को हल न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है.
                                           












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