ऋतु पढ़ाई में तो अव्वल थीं ही, साथ ही उन्होंने नेतृत्व क्षमता भी दिखाई. वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के नॉर्दर्न इंडिया चार्टर्ड अकाउंटेंट स्टूडेंट एसोसिएशन की सचिव बनीं. 10 अप्रैल 2024 को हुए चुनाव में ऋतु ने शानदार जीत दर्ज की और यह पद हासिल किया.
- सिर्फ पढ़ाई नहीं, नेतृत्व में भी आगे रहीं ऋतु
- आईसीएआई छात्र संगठन की सचिव बनकर बढ़ाया बक्सर का मान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, बस उसे सही दिशा देने की जरूरत होती है. इसका जीता-जागता उदाहरण हैं इटाढ़ी थाना क्षेत्र के महिला गांव की बेटी ऋतु कुमारी, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए) के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल की है. ऋतु ने वर्ल्ड फोरम ऑफ अकाउंटेंट्स में भारत में दूसरा स्थान प्राप्त कर बक्सर का नाम रोशन कर दिया है. दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान मिला, जिससे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है.
बक्सर से दिल्ली तक का सफर
ऋतु की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी ऋतु ने बक्सर डीएवी स्कूल से मैट्रिक और कैंब्रिज स्कूल से इंटर की पढ़ाई की। फिर 2019 में उन्होंने सीए बनने का सपना लेकर दिल्ली का रुख किया. लेकिन उनका सफर सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया और कई अकाउंटिंग सेमिनारों में हिस्सा लिया.
सिर्फ पढ़ने वाली नहीं, लीडर भी बनीं!
ऋतु पढ़ाई में तो अव्वल थीं ही, साथ ही उन्होंने नेतृत्व क्षमता भी दिखाई. वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के नॉर्दर्न इंडिया चार्टर्ड अकाउंटेंट स्टूडेंट एसोसिएशन की सचिव बनीं. 10 अप्रैल 2024 को हुए चुनाव में ऋतु ने शानदार जीत दर्ज की और यह पद हासिल किया.
सीए छात्रों के लिए खास सलाह
ऋतु मानती हैं कि सीए की तैयारी सिर्फ किताबों में सिर खपाने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। वे कहती हैं, "यह एक गलतफहमी है कि सीए बनने के लिए दिन-रात सिर्फ पढ़ाई करनी पड़ती है. पढ़ाई के साथ अन्य कौशल और सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी भी जरूरी है."
परिवार और जिले को गर्व
बेटी की इस उपलब्धि से उनके पिता रविकांत ओझा उर्फ डब्लू ओझा बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ हमारे परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे बक्सर जिले के लिए गर्व का क्षण है." ऋतु की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य बड़ा हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है.
ऋतु की इस उपलब्धि से जिले के युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी कि अगर ठान लिया जाए, तो छोटे शहरों से निकलकर भी बड़े मंच पर नाम कमाया जा सकता है.
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