वीडियो : विशाल तिवारी को झारखंड से उठा ले आई पुलिस, परिजनों ने जताई एनकाउंटर की आशंका

जिन्हें 3 फरवरी की रात 9 बजे धनबाद के तेतुलमारी थाना क्षेत्र के दलाही गांव से उनके साथी राजन ओझा के साथ हिरासत में लिया गया. हालांकि, पुलिस ने इस गिरफ्तारी की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी और ना ही इसकी वजह बताई.










                                           



- 50 घंटे बाद भी नहीं किया गया न्यायालय में प्रस्तुत
- परिजनों ने अदालत में लगाई गुहार, पुलिस की मंशा पर उठे सवाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पांडेय पट्टी निवासी विशाल तिवारी को बक्सर पुलिस ने झारखंड के धनबाद से हिरासत में लिया, लेकिन 50 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उसे ना तो स्थानीय थाने में प्रस्तुत किया गया और ना ही न्यायालय में. इस स्थिति से उसके परिजनों में गहरी चिंता है और उन्होंने अनहोनी की आशंका जताते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि पुलिस अज्ञात स्थान पर ले जाकर उसका इनकाउंटर भी कर सकती है.

पूर्व सरपंच प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता संजय तिवारी ने बताया कि विशाल तिवारी उनके भतीजे हैं, जिन्हें 3 फरवरी की रात 9 बजे धनबाद के तेतुलमारी थाना क्षेत्र के दलाही गांव से उनके साथी राजन ओझा के साथ हिरासत में लिया गया. हालांकि, पुलिस ने इस गिरफ्तारी की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी और ना ही इसकी वजह बताई.

कैंसर पीड़ित मां की तबीयत बिगड़ी :

विशाल तिवारी की मां कैंसर से पीड़ित हैं और उनके इलाज की पूरी जिम्मेदारी विशाल पर थी. गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद से उनकी तबीयत और बिगड़ गई है. परिजनों का कहना है कि यह मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है.

कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन :

अधिवक्ता अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने कानून का उल्लंघन किया है. झारखंड से गिरफ्तारी के बाद स्थानीय थाने को सूचना देना अनिवार्य था. इसके अलावा, बक्सर लाने के बाद भी ना तो प्राथमिकी दर्ज की गई और ना ही न्यायालय को जानकारी दी गई. परिजनों ने इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है और न्याय की मांग की है.

कहते हैं एसपी :
मामले में एसपी शुभम आर्य से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी वह कोई कमेंट नहीं करेंगे. ऐसे में मामला अभी पूरी तरह से उलझा हुआ प्रतीत हो रहा है.

वीडियो : 


 











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