जिसे रेडक्रॉस ने बताया एचआइवी पॉजिटिव, उसे निजी लैब ने बताया गैर संक्रमित!

हाल ही में एक स्वस्थ रक्तदाता को एचआइवी पॉजिटिव होने की गलत जानकारी दी गयी जबकि एक अन्य रक्तदाता को संक्रमित रक्त उपलब्ध करा दिया गया, जिससे कि उसकी बहन हेपेटाइटिस से संक्रमित हो गई. 











                                           


- रिपोर्ट देखकर उड़ गए रक्तदाता के होश
- महिला को संक्रमित रक्त चढ़ाने का भी लगा आरोप

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के तहत संचालित ब्लड बैंक, सदर अस्पताल, बक्सर पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं. रक्तदाताओं का कहना है कि यहां न केवल गलत जांच रिपोर्ट दी जा रही है, बल्कि रक्तदान शिविरों में भी अव्यवस्था और अनदेखी हो रही है. हाल ही में एक स्वस्थ रक्तदाता को एचआइवी पॉजिटिव होने की गलत जानकारी दी गयी जबकि एक अन्य रक्तदाता को संक्रमित रक्त उपलब्ध करा दिया गया, जिससे कि उसकी बहन हेपेटाइटिस से संक्रमित हो गई. इस संबंध में प्रियेश, जो स्वयं एक नियमित रक्तदाता हैं, ने ब्लड बैंक प्रभारी को एक विस्तृत पत्र लिखकर जाँच और उचित कार्रवाई की माँग की है.

उन्होंने अपने पत्र में बताया है कि रक्तदाता छोटू कुमार गुप्ता (36) ने 30 नवंबर 2024 को रक्तदान किया था, जिसके बाद ब्लड बैंक ने उन्हें एचआइवी पॉजिटिव बताया. उन्हें 5 दिसंबर को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया, जहाँ बताया गया कि यह संक्रमण 6 दिनों में नेगेटिव हो सकता है. लेकिन जब 19 दिसंबर को दोबारा जांच कराई गई, तो रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई. काउंसिलिंग में कहा गया कि यह खतरनाक हो सकता है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. इसके बाद जब रक्तदाता ने बाहर निजी लैब में जांच कराई, तो रिपोर्ट नॉन-रिएक्टिव निकली.

रक्तदाता प्रियेश और उनके सहयोगियों का कहना है कि अगर ब्लड बैंक की रिपोर्ट गलत है, तो यह रक्तदाताओं के जीवन से खिलवाड़ है. वहीं, यदि बाहर की रिपोर्ट गलत है, तो ऐसे लोगों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला सामने आने से लोगों के मन में रक्तदान को लेकर भय और संदेह उत्पन्न हो रहा है.

संक्रमित रक्त चढ़ाने का आरोप : 

एक दूसरे मामले में रक्तदाता कुमार गौरव ने 30 जुलाई 2024 को अपनी बहन रश्मि कुमारी के लिए 500 रुपये का भुगतान कर ब्लड बैंक से रक्त लिया. डिलीवरी के दौरान यह रक्त चढ़ाया गया, लेकिन बाद में मरीज को पेट दर्द और पीलिया जैसी समस्याएँ हुईं. डॉक्टरों ने जांच के बाद हेपेटाइटिस संक्रमण की पुष्टि की. गौरव का कहना है कि रक्तदाता की पहचान और पुनः जांच होनी चाहिए ताकि अन्य मरीजों को इस तरह के संक्रमण से बचाया जा सके.

रक्तदान शिविर में अव्यवस्था, वापस गए कई डोनर 

3 जनवरी 2025 को आयोजित रक्तदान शिविर में ब्लड बैंक टीम निर्धारित समय से काफी देर से पहुँची. रक्तदाता सुबह 9:45 बजे से टीम का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी. इस देरी के कारण 15 यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका और कई रक्तदाता वापस चले गए, जिससे रक्तदान अभियान को नुकसान हुआ.

प्रियेश ने कहा कि वे अपने समूह के साथ नियमित रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं, लेकिन ब्लड बैंक की लापरवाही से रक्तदाताओं का मनोबल गिर रहा है. इसीलिए अब वे ब्लड बैंक, सदर अस्पताल के साथ कोई भी रक्तदान शिविर आयोजित नहीं करेंगे. उन्होंने ब्लड बैंक प्रभारी से उचित जांच और कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

कहते हैं सिविल सर्जन :

निश्चित रूप से मामला काफी गंभीर है, लेकिन इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है जानकारी प्राप्त होने के बाद मामले की जांच कराई जाएगी.

शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती
सिविल सर्जन
बक्सर

कहते हैं रेडक्रॉस अध्यक्ष :

मामला संज्ञान में आया है लेकिन हम सरकारी रिपोर्ट को कैसे गलत मान सकते हैं? मामले की पूरी जानकारी लेकर सिविल सर्जन को पत्र लिख कर जांच का अनुरोध किया जाएगा.

सुरेश अग्रवाल,
अध्यक्ष रेडक्रॉस











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