गंगा नदी भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आधारशिला रही है, जो करोड़ों लोगों के लिए जल स्रोत होने के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी रखती है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण और अनियंत्रित मानव गतिविधियों के कारण इसका अस्तित्व संकट में है.
- जल संरक्षण को लेकर छात्रों ने रखी अपनी बात
- गंगा ठोरा संगम पर हुई विशेष शैक्षणिक चर्चा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के फाउंडेशन स्कूल द्वारा 18 फरवरी को त्रिमुहानी स्थित गंगा ठोरा के संगम पर ‘संगम गोष्ठी’ का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने जल संरक्षण, गंगा नदी की महत्ता और पर्यावरणीय संकट पर अपने शोध प्रस्तुत किए. गोष्ठी में छात्रों ने नदियों के प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्रकृति संरक्षण के समाधान पर विचार साझा किए. इस कार्यक्रम में शिक्षकों, पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से चर्चा और भी ज्ञानवर्धक बनी.
गंगा नदी: सभ्यता की जीवन रेखा
गंगा नदी भारतीय संस्कृति और सभ्यता की आधारशिला रही है, जो करोड़ों लोगों के लिए जल स्रोत होने के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी रखती है. लेकिन बढ़ते प्रदूषण और अनियंत्रित मानव गतिविधियों के कारण इसका अस्तित्व संकट में है. इस संगोष्ठी का उद्देश्य छात्रों को जल संसाधनों की महत्ता से अवगत कराना और गंगा के संरक्षण हेतु जागरूकता फैलाना था.
गोष्ठी के दौरान छात्रों ने गंगा ठोरा संगम के समीप खड़े होकर इसकी जैव विविधता, पर्यावरणीय महत्त्व और मानव जीवन पर इसके प्रभावों को समझा. उन्होंने नदियों के प्रदूषण, औद्योगिक कचरे, प्लास्टिक कचरे और अतिक्रमण से उत्पन्न समस्याओं पर विचार रखा.
विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सीख
इस अवसर पर वैद्य श्री प्रोफेसर जे.पी. सर ने छात्रों को गंगा किनारे मिलने वाले औषधीय पौधों की पहचान कराई और उनके औषधीय गुणों की जानकारी दी. नमामि गंगे के डीपीओ शैलेश राय ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि मनुष्य सदैव प्राकृतिक संसाधनों का उपभोक्ता बना रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम इनके संरक्षण और संतुलित उपयोग पर ध्यान दें.
विद्यालय के उप प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य छात्रों को शोध और चर्चा में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है. इससे उनमें वैश्विक समस्याओं के समाधान की समझ विकसित होगी और वे नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम बनेंगे.
छात्रों का उत्साह और सहभागिता
गोष्ठी में छात्रों ने जलवायु परिवर्तन, नदियों के महत्व और संरक्षण के उपायों पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने जलस्रोतों के प्रदूषण को रोकने और लोगों को जागरूक करने की दिशा में अपने योगदान देने का संकल्प लिया.
इस कार्यक्रम में फाउंडेशन स्कूल के निदेशक प्रदीप मिश्रा, एकेडमिक एक्सीलेंस हेड एस.के. दूबे, शिक्षक अमित सर, उप प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण, नमामि गंगे के डीपीओ शैलेश राय और वैद्य श्री प्रोफेसर जे.पी. सर की उपस्थिति रही. संगोष्ठी में छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और भविष्य में गंगा संरक्षण के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया.
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