मौत के बाद भी नहीं मिला शिक्षक को न्याय, अब भटक रही उसकी विधवा

आश्चर्यजनक रूप से, इस प्रक्रिया में महीनों बीत गए और मार्गदर्शन का आदेश अब तक नहीं आया. इसी बीच, 16 अगस्त 2023 को राम प्यार राम का निधन हो गया. उनके निधन के बाद भी विभाग ने उनकी विधवा के आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे वे बेहद आहत हैं.










                                           


- 24 वर्षों से अधिक समय से प्रोन्नति वेतनमान से वंचित
- शिक्षा विभाग की अनदेखी से परेशान परिवार
- जिला शिक्षा पदाधिकारी से न्याय की गुहार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के बेलांव गांव की रहने वाली शनिचरी देवी न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं. उनके पति, जो मध्य विद्यालय महिला में सहायक शिक्षक थे, सेवानिवृत्त होने के बाद भी प्रोन्नति वेतनमान के लाभ से वंचित रहे. अब उनकी मृत्यु के बाद भी सरकारी आदेश का पालन नहीं किया गया है, जिससे परिवार को गहरी आर्थिक व मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.

शनिचरी देवी ने बताया कि उनके पति राम प्यार राम 31 अक्टूबर 2002 को सेवा निवृत्त हुए थे. सेवा के दौरान उन्हें एक बार प्रोन्नति मिली, लेकिन 25 वर्षों की सेवा के बावजूद दूसरा प्रोन्नति प्रवरण वेतनमान नहीं दिया गया. इस संबंध में उन्होंने सेवा शिकायत पदाधिकारी बक्सर के समक्ष आवेदन दिया था, जिसके बाद 5 अप्रैल 2023 को जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया गया कि उनके आवेदन पर उचित कार्रवाई की जाए. लेकिन डीइओ कार्यालय ने जवाब दिया कि विभागीय मार्गदर्शन के बाद ही निर्णय संभव होगा.

आश्चर्यजनक रूप से, इस प्रक्रिया में महीनों बीत गए और मार्गदर्शन का आदेश अब तक नहीं आया. इसी बीच, 16 अगस्त 2023 को राम प्यार राम का निधन हो गया. उनके निधन के बाद भी विभाग ने उनकी विधवा के आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे वे बेहद आहत हैं.

शनिचरी देवी ने चेतावनी दी है कि यदि उनके आवेदन पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगी. उन्होंने अपने आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, आश्रित प्रमाण पत्र, सेवा शिकायत आदेश की कॉपी, प्रोन्नति की सूची और आधार कार्ड भी संलग्न किया है.

अब सवाल यह उठता है कि क्या शिक्षा विभाग एक दिवंगत शिक्षक की विधवा को उनका हक दिलाने के लिए कदम उठाएगा, या फिर उन्हें न्याय पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी?











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