हनुमत धाम में गूंजी श्रीराम की बाल लीलाएं

कथा वाचन के दौरान स्वामी हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए कहा, "बाल चरित हरि बहु बिधि कीन्हा. अति आनंद दासन्ह कह दीन्हा."










                                           


  • भक्तों ने भक्ति भाव से किया कथा रसपान
  • संत हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने सुनाए अद्भुत प्रसंग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर प्रखंड के हनुमत धाम मंदिर, कमरपुर में विश्व विख्यात संत नारायण दास भक्तमाली मामा जी महाराज की 17वीं पुण्य स्मृति समारोह के दूसरे दिन श्रीराम कथा का आयोजन हुआ. कथा वाचक संत स्वामी हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का ऐसा रसपान कराया कि श्रद्धालु भक्ति भाव में सराबोर हो गए.

सुबह से ही रामचरितमानस के अखंड पाठ और भक्तमाल सस्वर गायन की गूंज मंदिर परिसर में सुनाई दी. दोपहर में कथा वाचन के दौरान स्वामी हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए कहा, "बाल चरित हरि बहु बिधि कीन्हा. अति आनंद दासन्ह कह दीन्हा." उन्होंने बताया कि भगवान शिव स्वयं श्रीराम के बाल स्वरूप के दर्शन के लिए कैलाश से अयोध्या गए थे, लेकिन माता पार्वती को इसकी जानकारी नहीं दी. जब शिवजी लौटे तो उनके चेहरे पर भावनाओं का सैलाब देखकर माता पार्वती ने कारण पूछा. शिवजी ने बताया कि वह श्रीराम के दर्शन करके लौटे हैं. इस पर माता पार्वती नाराज हो गईं और एक खिलौना बेचने वाली का रूप धारण कर भगवान की बाल लीला देखने स्वयं अयोध्या पहुंच गईं.

इस प्रसंग को सुनकर भक्तों की आंखें श्रद्धा से भर आईं. स्वामी हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम की लीलाओं का गान स्वयं शेषनाग, माता सरस्वती और भगवान शिव भी करते हैं. श्रीराम के बाल सखा जब उन्हें खेल में बुलाने आते और प्रभु आंगन में क्रीड़ा करते, तब उनका मोहक रूप भक्तों के लिए दिव्य आनंद देने वाला होता था.

इस अवसर पर हनुमत धाम के संस्थापक संत रामचरित्र दास जी महाराज समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और भक्ति रस में सराबोर हो गए.











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