विचार और आचरण से सच्चे मुनि थे लालमुनि चौबे - राज्यपाल

कहा, "हमारे प्राचीन मनीषियों ने जिस आदर्श राजनीति की कल्पना की थी, उसमें त्याग, सेवा और निस्वार्थ भाव प्रमुख थे, और लालमुनी चौबे जी ने इन मूल्यों को अपने जीवन में पूर्णतः आत्मसात किया."












                                           


  • पूर्व सांसद लालमुनी चौबे की नौवीं श्रद्धांजलि सभा आयोजित
  • राज्यपाल, उप राज्यपाल सहित कई गणमान्य नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पूर्व सांसद स्वर्गीय लालमुनी चौबे की नौवीं श्रद्धांजलि सभा में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई गणमान्य नेता उपस्थित हुए. इस अवसर पर सभी ने स्व. चौबे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके विचारों और सिद्धांतों को याद किया.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि स्वर्गीय लालमुनी चौबे केवल नाम से ही नहीं, बल्कि विचार और आचरण से भी एक सच्चे ‘मुनि’ थे. उनका संपूर्ण जीवन संत प्रवृत्ति और उच्च आदर्शों से परिपूर्ण था. उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आत्मसात किया और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे. उन्होंने कहा, "हमारे प्राचीन मनीषियों ने जिस आदर्श राजनीति की कल्पना की थी, उसमें त्याग, सेवा और निस्वार्थ भाव प्रमुख थे, और लालमुनी चौबे जी ने इन मूल्यों को अपने जीवन में पूर्णतः आत्मसात किया."

उन्होंने आगे कहा कि स्वर्गीय चौबे जी की मित्रता सीमित दायरे तक नहीं थी, बल्कि उनके विचारों के कारण वे सभी के प्रिय और सम्मानित थे. वे मानते थे कि आत्मा अमर है और इसी आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ उन्होंने अपना जीवन जिया. उनके व्यक्तित्व में करुणा, ज्ञान और कर्तव्यपरायणता का अद्भुत समन्वय था. राज्यपाल ने कहा, "आज हम सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह संकल्प लें कि उनके बताए मार्ग पर चलें और समाज व राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करें."

'योगिराज' थे लालमुनी चौबे - मनोज सिन्हा

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्व. चौबे को 'योगिराज' की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि वे भारतीय राजनीति के ऐसे नेता थे जिन्होंने राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त उपकरण माना. उनका जीवन आदर्श राजनीति की मिसाल था.

उन्होंने कहा, "बाबा लालमुनी चौबे जी जैसे नेता विरले होते हैं. वे राजनीति में केवल जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले नहीं, बल्कि उसके निर्माणकर्ता भी थे." उन्होंने यह भी बताया कि गंगा स्नान उनका प्रतिदिन का नियम था, और जब वे अस्सी घाट पर स्नान कर जा रहे थे, तब उन्हें राजघाट पर गिरफ्तार कर लिया गया था.

समाज सुधार और संघर्षशील व्यक्तित्व

लालमुनी चौबे जी जीवन पर्यंत समाज की सेवा में समर्पित रहे. वे एक न्यायसंगत व्यवस्था के लिए संघर्षरत रहे और लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान समाजवादी नेता स्व. मुलायम सिंह यादव को जवाब देते हुए कहा था कि समाजवाद केवल एक विचारधारा नहीं, बल्कि एक परिवार की तरह होना चाहिए, जहां सभी को समान स्थान मिले.

उनका जीवन आध्यात्मिकता और सार्वजनिक सेवा का अनूठा संगम था. वे समाज में समानता और सुधार के प्रबल पक्षधर थे. उनके विचार और सिद्धांत समाज को नई दिशा देने वाले थे.

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

श्रद्धांजलि सभा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल, पूर्व मंत्री संतोष निराला, भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी, जदयू जिलाध्यक्ष अशोक सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन, स्व. लालमुनी चौबे के पुत्र शिशिर चौबे सहित कई नेता उपस्थित रहे.

भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सौरभ कुमार तिवारी ने भी स्व. चौबे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें राजनीति का संत बताया. सभा में भाजपा मंच मोर्चा के कई नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित थे.











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