कहा, "ईद का यह त्योहार हमें एकता, सद्भावना और प्रेम का संदेश देता है. हमें चाहिए कि हम अपनी छोटी-छोटी खुशियों को साझा करें और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें. आज का दिन हमारे लिए न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि मिल-जुल कर रहना ही सबसे बड़ा धन है.
- समाज के नामचीन हस्तियों द्वारा साझा की गई खुशियाँ और बधाइयाँ.
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक एकता का प्रतीक ईद का विशेष आयोजन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ईद के मुबारक मौके पर शहर में खुशी और उमंग की लहर दौड़ गई है. लोगों ने एक दूसरे के गले लगाकर, मीठी सेवइयों का स्वाद लेते हुए और दिल से दी गई शुभकामनाओं के साथ इस पावन दिन को मनाया है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह दिन सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक मेलजोल और भाईचारे का प्रतीक भी है.
इस अवसर पर साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक ने विशेष आयोजन का संचालन किया है. डॉक्टर दिलशाद आलम के घर पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता प्रदीप राय, प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर एके सिंह, डॉक्टर पीके पांडेय समेत समाज की कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं. सभी ने मिलकर ईद की खुशियाँ साझा कीं और एक दूसरे को दिल से बधाई दी.
भाजपा नेता प्रदीप राय ने कार्यक्रम के दौरान कहा, "ईद का यह त्योहार हमें एकता, सद्भावना और प्रेम का संदेश देता है. हमें चाहिए कि हम अपनी छोटी-छोटी खुशियों को साझा करें और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें. आज का दिन हमारे लिए न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि मिल-जुल कर रहना ही सबसे बड़ा धन है." उनके इस बयान से उपस्थित सभी दर्शकों में गहरी सहमति और प्रसन्नता की लहर दौड़ गई.
प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर एके सिंह ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, "हमारे समाज में स्वास्थ्य और खुशहाली का संबंध बहुत गहरा है. ऐसे मौकों पर जब हम एक साथ मिलते हैं, तो यह हमें शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है. हमें आपसी सहयोग और सद्भावना को बढ़ावा देना चाहिए." उनके इस शब्दों में समाज के प्रति गहरी प्रतिबद्धता झलकती है.
मां मुंडेश्वरी अस्पताल के निदेशक डॉक्टर पीके पांडेय ने बताया, "ईद का त्योहार हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों को भुला कर एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संदेश देता है. इस दिन का महत्व सिर्फ खाने-पीने या कपड़े पहनने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें अपने रिश्तों को मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करता है." उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि सामाजिक एकता और सहयोग ही समाज के सशक्तिकरण की कुंजी है.
समय की बदलती धारा में भी इस दिन ने लोगों के बीच पुराने रिश्तों को फिर से जोड़ा है. बक्सर के नागरिकों का मानना है कि ऐसे आयोजनों से समाज में प्रेम, भरोसे और एकता की भावना और भी प्रबल होती है. इस प्रकार, ईद ने बक्सर में नई उमंग और विश्वास की किरणें जगाईं हैं, जो आने वाले दिनों तक लोगों के दिलों में गर्मजोशी बनाए रखेंगी.
0 Comments