रेलवे की अनुमति पर अटका निर्माण, पांडेय पट्टी में उभरा जनाक्रोश

इस बात को लेकर बक्सर के तमाम जनप्रतिनिधियों से लेकर पटना उच्च न्यायालय तक का भी सहारा लिया गया, लेकिन रेलवे के अधिकारियों की मनमानी के आगे जनता कष्ट झेलने को विवश है.

अधूरा पड़ा नाला निर्माण








                                           





- पांडेय पट्टी में अधूरा नाला निर्माण बना ग्रामीणों की परेशानी का कारण
- बरसात में जलमग्न हुई सड़कें, ग्रामीण बोले- अधिकारी कर रहे हैं सिर्फ खाना-पूर्ति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला मुख्यालय से सटे पांडेय पट्टी गांव में जलजमाव से निजात दिलाने के लिए आरंभ किया गया नाला निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. नगर परिषद के द्वारा प्रदत्त 78 लाख रुपये की राशि से पूरे नाला का निर्माण करना है जिससे कि कई वर्षों से भीषण जल जमाव की परेशानी झेल रहे पांडेय पट्टी के निवासियों को राहत होगी. नाला निर्माण का कार्य पटरियों के बगल में तो पूरा हो चुका है, लेकिन अब उसे पटरियों के नीचे से पार कराना है. इसके लिए रेलवे को हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर 8 से 10 घंटे का मेगा ब्लॉक लेना होगा, परंतु अभी तक दानापुर मंडल के वरीय अधिकारियों से इसकी अनुमति नहीं मिली है. इस कारण नाला निर्माण का शेष कार्य अब तक रुका हुआ है.

बीते दिनों हुई बारिश के दौरान पांडेय पट्टी गांव की मुख्य सड़क समेत कई मोहल्ले जलमग्न हो गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह समस्या हर वर्ष की तरह फिर सामने आई है, लेकिन समाधान अधूरा छोड़ दिया गया है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि बीते वर्ष के नवंबर माह में निर्माण कार्य शुरू किया गया लेकिन जनवरी माह से कार्य पुनः बंद हो गया.

पांडेय पट्टी निवासी नंदू पांडेय बताते हैं, "हाल ही में बारिश होने के बाद पूरा इलाका जलमग्न हो गया था. ऐसे में अब तो यह लग रहा है कि नगर परिषद के द्वारा जो धनराशि इस नाले के निर्माण के लिए दी गई है, वह भी पानी में डूब जाएगी."

वहीं, विद्याधर पाठक कहते हैं, "रेलवे के द्वारा सुस्ती भरा रवैया अपनाया जा रहा है. रेलवे के अधिकारी केवल खाना-पूर्ति कर रहे हैं. खासकर कार्य निरीक्षक झूठा दिलासा देते हैं और काम को टाले रखते हैं."

मनोज पांडेय ने कहा, "कार्य निरीक्षक केबी तिवारी ने यह कहा था कि महाकुंभ की समाप्ति के बाद मेगा ब्लॉक लेकर कार्य पूरा किया जाएगा. उसके बाद उन्होंने यह कहा कि होली के बाद काम शुरू होगा, लेकिन अब तक कार्य नहीं शुरू हुआ है."

एक अन्य स्थानीय निवासी अनिल पांडेय ने बताया, "जल जमाव के कारण कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा मंडराता रहता है. इस बात को लेकर बक्सर के तमाम जनप्रतिनिधियों से लेकर पटना उच्च न्यायालय तक का भी सहारा लिया गया, लेकिन रेलवे के अधिकारियों की मनमानी के आगे जनता कष्ट झेलने को विवश है."

रेलवे के कार्य निरीक्षक के बी तिवारी का कहना है कि कार्य को पूरा करने के लिए इस रेल खंड पर मेगा ब्लॉक लेना जरूरी है. इस संबंध में वरीय अधिकारियों से पत्राचार किया गया है, लेकिन अब तक उनसे अनुमति नहीं मिली है। रेलवे कार्य निरीक्षक ने कहा, "यह भी स्पष्ट रूप से कहा नहीं जा सकता कि कार्य कब से शुरू होगा."

नगर परिषद के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरीदी का कहना है कि यदि यह कार्य शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है. जल निकासी के अभाव में जहां जनस्वास्थ्य संकट गहराएगा, वहीं नगर परिषद की ओर से खर्च की गई राशि भी व्यर्थ चली जाएगी.









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