कहा कि विद्यालयों में पारदर्शिता, अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे निरीक्षण नियमित रूप से जारी रहेंगे. बहरहाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी के वाचक निरीक्षण के पश्चात इस कार्रवाई से जिले के अन्य विद्यालयों के शिक्षकों के बीच भी हड़कंप का माहौल कायम है.
- निरीक्षण में कई विद्यालयों की लापरवाहियां उजागर
- शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से तीन दिन में मांगा गया स्पष्टीकरण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय द्वारा जिले के विभिन्न विद्यालयों में किए गए निरीक्षण के दौरान कई गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं. चौसा एवं बक्सर प्रखंड के स्कूलों में विभागीय आदेशों की अनदेखी, शिक्षक अनुपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना में संभावित गड़बड़ी तथा अनुशासनहीनता जैसे मामले पाए गए. इन सभी मामलों में संबंधित प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
मध्य विद्यालय, अखौरीपुर में निरीक्षण के समय सुबह 8:40 बजे ही कक्षाएँ स्थगित कर दी गई थीं, जबकि मध्याह्न भोजन का समय 9:00 से 9:40 बजे तक निर्धारित था। विद्यालय परिसर गंदगी से भरा पाया गया और भवन की स्थिति जर्जर थी. शिक्षिका शकुन्तला कुमारी ने अवकाश आवेदन में व्हाइटनर का प्रयोग किया था, वहीं विशिष्ट शिक्षिका विनीता कुमारी पर भी तिथि बदलने के लिए व्हाइटनर का प्रयोग करने और फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने का आरोप है. विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना है और दोनों शिक्षिकाओं को नोटिस जारी किया गया है.
इसी तरह, मध्य विद्यालय अखौरीपुर गोला के सभी शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है. 9 अप्रैल को निरीक्षण के दौरान देखा गया कि सुबह 8:40 बजे ही बच्चों की कक्षाएँ बंद कर दी गई थीं और शिक्षक विद्यालय परिसर में इधर-उधर घूमते पाए गए. विभाग ने इसे शैक्षणिक दायित्वों की उपेक्षा मानते हुए कड़ा रूख अपनाया है.
चौसा और कठघरवा के विद्यालय भी जांच के घेरे में
राजकीय बुनियादी विद्यालय, चौसा के प्रभारी प्रधानाध्यापक गजेन्द्र प्रसाद शर्मा पर दो विद्यालयों की एक साथ ज़िम्मेदारी निभाने और उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप है। साथ ही, एमडीएम योजना में चावल की अनियमितता, शौचालय में पानी की कमी, अत्यधिक गंदगी और एक जर्जर कक्षा का ध्वस्तीकरण न करना जैसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं.
प्राथमिक विद्यालय कठघरवा में छात्रोपस्थिति रजिस्टर अधूरा पाया गया, शिक्षक भीम राय अनुपस्थित थे और किचन की स्थिति अत्यंत खराब थी. साथ ही, चखना पंजी पर किसी भी शिक्षक के हस्ताक्षर नहीं मिले, जिससे मध्याह्न भोजन की निगरानी पर सवाल उठे हैं.
प्राथमिक विद्यालय, ठोरा में भी मिलीं खामियाँ
निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि पूर्वाह्न 7:05 बजे तक विद्यालय में कोई छात्र मौजूद नहीं था और शिक्षक भी किसी प्रकार की उपस्थिति या बुलाने का प्रयास नहीं कर रहे थे.-विद्युत कनेक्शन की अनुपस्थिति और खराब शौचालय व्यवस्था भी चिंताजनक पाई गई. प्रधानाध्यापिका सरोज कुमारी से इस पर जवाब मांगा गया है.
विभागीय सख्ती और चेतावनी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देना अनिवार्य है. संतोषजनक उत्तर न मिलने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में पारदर्शिता, अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे निरीक्षण नियमित रूप से जारी रहेंगे. बहरहाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी के वाचक निरीक्षण के पश्चात इस कार्रवाई से जिले के अन्य विद्यालयों के शिक्षकों के बीच भी हड़कंप का माहौल कायम है. हालांकि नागरिकों का कहना है कि अभी भी कई विद्यालयों में अनियमितताएं व्याप्त हैं, जिनकी जांच शिक्षा विभाग को अवश्य करनी चाहिए.
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