पंकज कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में जाकर विद्यालय के लिए जमीन और भवन की मांग रखी थी. उस समय 25 छात्रों का दल एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था.
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राष्ट्रपति भवन के समीप अपनी मांग को लेकर खड़े पंकज(फ़ाइल इमेज) |
केंद्रीय विद्यालय बक्सर को मिली जमीन, छात्रों के संघर्ष ने दिलाया हक
बक्सर के लोगों में खुशी की लहर, शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा नया संबल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लंबे समय से प्रतीक्षित मांग आखिरकार पूरी हो गई है. केंद्रीय विद्यालय बक्सर को अब स्थायी रूप से जमीन मिल गई है. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद बक्सर के स्थानीय लोगों और विद्यालय से जुड़े अभिभावकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. सबसे खास बात यह है कि यह उपलब्धि सिर्फ एक शासकीय निर्णय नहीं, बल्कि वर्षों तक चले संघर्ष और छात्रों की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है.
वर्ष 2007 में जब इस मुद्दे पर कोई सोच भी नहीं रहा था, तब केंद्रीय विद्यालय के छात्र पंकज कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में जाकर विद्यालय के लिए जमीन और भवन की मांग रखी थी. उस समय 25 छात्रों का दल एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था. शिक्षा सचिव मदन मोहन झा ने उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह दी और आश्वासन दिया कि ज़मीन और भवन दोनों मिलेंगे.
लेकिन जब वर्षों तक वादा अधूरा रहा, तो छात्रों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया. बक्सर लौटकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी किया. इसके बाद पंकज कुमार ने दिल्ली से पटना तक मुहिम चलाई. वहीं चंदन कुमार चौबे ने बक्सर में इस अभियान को ज़मीन से जोड़े रखा. छात्र चाहे जहाँ भी गए, लेकिन उन्होंने अपने विद्यालय के लिए यह संघर्ष कभी नहीं छोड़ा.
सरकारों से बार-बार निवेदन, नेताओं के सामने बार-बार अपनी बात रखने के बाद आज यह संघर्ष रंग लाया है. केंद्रीय विद्यालय बक्सर को अब आधिकारिक रूप से ज़मीन मिल गई है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पंकज कुमार ने सोशल मीडिया पर संघर्ष की कहानी साझा की और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए इसे सामूहिक जीत बताया है.
स्थानीय लोग भी मानते हैं कि अब बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा और बक्सर की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी.
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