हत्याओं के बाद उपजे जनाक्रोश के बीच एसपी ने चार थानाध्यक्षों को किया इधर से उधर ..

हालात बिगड़ते देख पुलिस विभाग हरकत में आया और सोमवार को एसपी शुभम आर्य ने चार थानों के थानाध्यक्षों का तबादला कर दिया. यह निर्णय पुलिस की ओर से बढ़ते जनाक्रोश और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के बाद लिया गया है.

शनिवार को अहियापुर में लोगों से बातचीत करते एसपी










                                           




  • बक्सर में ताबड़तोड़ हत्याओं के बाद पुलिस महकमे में हलचल
  • अहियापुर हत्याकांड और ठेकेदार की दिनदहाड़े हत्या बनी तबादले की वजह

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में लगातार हो रही आपराधिक वारदातों के बाद जनता का गुस्सा फूट पड़ा है. हालात बिगड़ते देख पुलिस विभाग हरकत में आया और सोमवार को एसपी शुभम आर्य ने चार थानों के थानाध्यक्षों का तबादला कर दिया. यह निर्णय पुलिस की ओर से बढ़ते जनाक्रोश और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के बाद लिया गया है.

बीते शनिवार को राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने थानेदार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया. वहीं, सोमवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े एक ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. दो दिनों में हुई दो बड़ी घटनाओं ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए.

पुलिस कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार और मुफस्सिल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार को हटाकर पुलिस केंद्र व कार्यालय में भेजा गया है. डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू कुमार भगत को मुफस्सिल और धनसोई थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह को राजपुर की जिम्मेदारी दी गई है. तबादला आदेश के साथ ही एसपी ने नए थानाध्यक्षों को तुरंत योगदान देने का निर्देश दिया है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस अगर पहले ही सक्रिय रहती तो इन घटनाओं को टाला जा सकता था. लेकिन बार-बार चेतावनी के बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद रहे. अब जब जनाक्रोश सड़कों पर उतरने लगा है, तब पुलिस ने अधिकारी बदलने की कार्रवाई की है. हालांकि, लोगों की मांग केवल तबादले तक सीमित नहीं है, वे हत्याकांडों के त्वरित खुलासे और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

फिलहाल, पुलिस महकमे में हुए इस फेरबदल को जनता के गुस्से को शांत करने की कोशिश माना जा रहा है. लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ अधिकारियों के तबादले से जिले में बिगड़ी कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकेगा?










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