कहा कि केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि सनातनी संस्कार भी जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि संस्था बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का कार्य कर रही है. यही हमारे राष्ट्र की असली ताकत है.

- - ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने का संकल्प
- - राजकुमार चौबे बोले - अंतिम पंक्ति तक शिक्षा पहुंचना है लक्ष्य
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना द्वारा संचालित सभी निशुल्क शिक्षा केंद्रों पर 27 मई, मंगलवार से वार्षिक जांच परीक्षाओं की शुरुआत हो गई है. यह पहल उन सैकड़ों विद्यार्थियों के लिए की गई है जो सेवा बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में संचालित पांच निशुल्क केंद्रों में अध्ययन कर रहे हैं.
फाउंडेशन का उद्देश्य केवल किताबों का ज्ञान देना नहीं, बल्कि बच्चों में सनातन संस्कृति के मूल्यों और संस्कारों का विकास करना भी है. शिक्षा केंद्रों में समाज के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है.
इस अवसर पर फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने कहा कि केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि सनातनी संस्कार भी जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि संस्था बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ उनके सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का कार्य कर रही है. यही हमारे राष्ट्र की असली ताकत है.
राजकुमार चौबे ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा पहुँचाना है जो अब तक इससे वंचित रहा है. महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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